उत्तराखंड

दून में होगा गंगधारा: विचारों का अविरल प्रवाह’ व्याख्यान माला का आयोजन

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देहरादून:

 
देवभूमि विकास संस्थान की ओर से पहली बार आयोजित हो रही ‘गंगधारा: विचारों का अविरल प्रवाह’ व्याख्यान माला का शुभारंभ 21 दिसंबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दून विश्वविद्यालय के डॉक्टर नित्यानंद ऑडिटोरियम से करेंगे। इस व्याख्यान माला का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों, वैज्ञानिकों और बुद्धिजीवियों के विचारों को जनता तक पहुंचाना है, जिससे समाज की समस्याओं के समाधान के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा सकें।

 

एक होटल में प्रेस को संबोधित करते हुए, देवभूमि विकास संस्थान के संरक्षक और हरिद्वार लोकसभा से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह व्याख्यान माला समाज की समस्याओं को समझने और उनके समाधान के लिए विशेषज्ञों के विचारों को एकत्रित करने का एक गंभीर प्रयास है। उन्होंने बताया कि इस व्याख्यान श्रृंखला की शुरुआत दून विश्वविद्यालय में हो रही है, जहां शहर के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों के शिक्षाविद् और छात्र हिस्सा लेंगे। अगले वर्ष इस आयोजन को किसी अन्य शहर और संस्थान में किया जाएगा।

 

उन्होंने कहा, “हमारी कोशिश है कि विचारशील समाज के द्वारा समाज की पीड़ा और समस्याओं के निराकरण के लिए कार्य किया जाए। भारत की ज्ञान परंपरा सदियों से चली आ रही है और इस व्याख्यान माला के माध्यम से हम इस ज्ञान के प्रवाह को जारी रखना चाहते हैं।”

 

व्याख्यान माला के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज होंगे, जो ‘भारतीय संस्कृति के चिरंतन प्रवाह’ पर अपने विचार रखेंगे। समापन सत्र में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरुमीत सिंह और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहमद खान ‘संस्कृति, प्रकृति और प्रगति’ पर व्याख्यान देंगे। इस व्याख्यान माला का मुख्य विषय गंगा की यात्रा पर केंद्रित है, और विभिन्न सत्रों में पलायन, हिमालयी क्षेत्र में धारणीय विकास सहित पांच मुख्य चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा होगी।

 

दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. डॉ. सुरेखा डंगवाल ने कहा कि यह व्याख्यान माला छात्रों के शैक्षिक विकास और नई पीढ़ी के लिए बहुत लाभदायक होगी। पूरे कार्यक्रम का दस्तावेजीकरण भी किया जा रहा है ताकि भविष्य में इसे और बेहतर बनाया जा सके।

 

इस मौके पर दून विश्वविद्यालय के प्रो. डॉ. हरीशचंद्र पुरोहित, भूगर्भ शास्त्री डॉ. दीपक भट्ट, संस्थान के सचिव सत्येंद्र नेगी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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