उत्तराखंड

जिलाधिकारी ने सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों की समीक्षा की, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

पौड़ी गढ़वाल

जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने सोमवार शाम को सीएम हेल्पलाइन की लंबित शिकायतों की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि एक सप्ताह के भीतर पोर्टल पर सभी लंबित शिकायतों का समाधान सुनिश्चित किया जाए।

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जिलाधिकारी ने बैठक में कहा कि जन समस्याओं के समाधान में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से अपेक्षा की कि वे शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए तत्पर रहें। बैठक में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी की अनुपस्थिति पर उन्होंने प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज करने और डीपीआरओ के वेतन आहरण पर रोक लगाने के निर्देश भी दिए।

डॉ. चौहान ने पेयजल निगम और वन विभाग को विशेष रूप से निर्देशित किया कि 36 दिन से अधिक पुरानी शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह भी कहा कि शिकायतों का निस्तारण करते समय शिकायतकर्ताओं को उनकी स्थिति की जानकारी देना सुनिश्चित करें।

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रिखणीखाल क्षेत्र में बंदरों से निजात दिलाने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने वन विभाग को प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने पेयजल और वन विभाग से संबंधित शिकायतकर्ताओं से फोन पर बात कर उनकी समस्याओं का समाधान करने का भरोसा भी दिया।

बैठक में बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन पर कुल 321 शिकायतें एल-1, 59 एल-2, 169 एल-3 और 72 एल-4 श्रेणी में दर्ज हैं। इनमें से उत्तराखंड पेयजल निगम की 11 और वन विभाग की 12 शिकायतें 36 दिन से अधिक पुरानी हैं। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को इन शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के लिए कहा।

इस बैठक में प्रशिक्षु आईएएस दीक्षिता जोशी, परियोजना निदेशक डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र, अधिशासी अभियंता लोनिवि दिनेश बिजल्वाण, एसडीओ वन विभाग आईषा बिष्ट, जिला बाल विकास अधिकारी देवेंद्र थपलियाल सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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