उत्तराखंड

उत्तराखंड में आफत की बारिश: अलकनंदा (Alaknanda River) का विकराल रूप, धारी देवी मंदिर तक पहुंचा पानी

उत्तराखंड में आफत की बारिश: अलकनंदा (Alaknanda River) का विकराल रूप, धारी देवी मंदिर तक पहुंचा पानी

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, खासकर रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी गढ़वाल जिलों में हालात गंभीर बने हुए हैं।

देहरादून।

रविवार सुबह से ही उत्तराखंड (Uttarakhand) के कई हिस्सों में आसमान से आफत बरस रही है। रुद्रप्रयाग, चमोली और टिहरी गढ़वाल जिलों में अतिवृष्टि (heavy rainfall) के कारण हालात बेहद खराब हो गए हैं। रुद्रप्रयाग के बसुकेदार में बादल फटने (cloudburst) से भारी तबाही हुई है। इसी के साथ, अलकनंदा नदी (Alaknanda River) भी उफान पर है, जिससे लोगों में चिंता बढ़ गई है।

धारी देवी मंदिर के पास बढ़ा खतरा

इस बीच, धारी देवी मंदिर (Dhari Devi Temple) से सामने आया वीडियो डरा रहा है। अलकनंदा नदी का पानी मंदिर तक पहुंच गया है। धारी देवी के पास लगने वाली दुकानें भी इस उफान से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। धारी देवी मंदिर से सामने आया यह वीडियो 2013 की केदारनाथ आपदा (Kedarnath Disaster 2013) की याद दिला रहा है, जब अलकनंदा नदी ने जमकर कहर बरपाया था और इस क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ था। तब रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, देवप्रयाग, ऋषिकेश तक इसका असर देखने को मिला था। आज सुबह से ही एक बार फिर अलकनंदा उफान पर है, जिससे इसके किनारे के घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं।

हाईवे तक पहुंचा नदी का पानी, आवाजाही बाधित

श्रीनगर की तरफ सिरोबगड़ से लगभग 800 मीटर आगे, गोवा बीच (Goa Beach) नामक स्थान पर अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी हाईवे तक पहुंच गया, जिसके कारण आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई थी। इसी के पास स्थित धारी देवी मंदिर भी अलकनंदा नदी के उफान के कारण डूबा हुआ सा नजर आया। धारी देवी मंदिर के पास भी अलकनंदा विकराल रूप में बह रही है। नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण धारी देवी मंदिर के पिलर (pillars) पूरी तरह से डूब चुके हैं और मंदिर के आसपास के इलाके भी जलमग्न हो गए हैं। इससे पहले साल 2013 की आपदा के दौरान ऐसे हालात बने थे। उफान पर अलकनंदा और धारी देवी मंदिर से जुड़ी खबरें सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही हैं, और लोग मंदिर के लगभग पानी में डूबे वीडियोज देखकर चिंतित हैं।

प्रशासन ने जारी की चेतावनी, नियंत्रण कक्ष सक्रिय

बात अगर धारी देवी के मंदिर की करें तो पानी मंदिर के एकदम पास पहुंच गया है। प्रशासन ने हालात की गंभीरता को देखते हुए नदी तट के नजदीक रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन की ओर से कंट्रोल रूम (Control Room) सक्रिय कर दिया गया है, और स्थानीय पुलिस व आपदा प्रबंधन टीमें भी चौकन्ना बनी हुई हैं।

धारी देवी का महत्व: चारधाम की संरक्षक देवी

यह उल्लेखनीय है कि धारी देवी को चारधाम की संरक्षक देवी (protector goddess of Char Dham) के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि धारी देवी की मूर्ति दिन में तीन बार स्वरूप बदलती है। 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद से धारी देवी की मान्यता देश-विदेश में बढ़ी है। कहा जाता है कि 2013 में धारी देवी को अपलिफ्ट (uplift) करने के बाद ही केदारनाथ आपदा आई थी। साल 2013 की आपदा के बाद से धारी देवी में हर साल चारधाम यात्रा के समय भक्तों का तांता लगा रहता है।

प्रभावित क्षेत्रस्थिति
रुद्रप्रयाग, चमोली, टिहरी गढ़वालअतिवृष्टि, जनजीवन अस्त-व्यस्त
बसुकेदार (रुद्रप्रयाग)बादल फटना, भारी तबाही
अलकनंदा नदीउफान पर, हाईवे तक पहुंचा पानी
धारी देवी मंदिरपानी मंदिर के पास तक पहुंचा, पिलर डूबे
श्रीनगर की ओर (गोवा ब्रिज)हाईवे तक पानी, आवाजाही बाधित

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