देहरादून।
देहरादून के सर्वे चौक स्थित डे-केयर सेंटर का जिला प्रशासन ने निरीक्षण कर बच्चों के लिए आधुनिक सुविधाओं को लागू करने की योजना बनाई है। जिलाधिकारी सविन बसंल ने सेंटर की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और इसे हाईटेक बनाने के लिए ठोस निर्देश जारी किए। यह पहल कामकाजी माता-पिता, विशेषकर महिलाओं, को उनके बच्चों की देखभाल और शिक्षा के लिए एक विश्वसनीय मंच प्रदान करेगी।
बच्चों का भविष्य: प्रशासन की प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने डे-केयर सेंटर में उपलब्ध सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया और बच्चों की देखभाल, पोषण और शिक्षा व्यवस्था की जानकारी हासिल की। उन्होंने कहा कि बच्चे समाज का आधार हैं, और उनकी सुरक्षा व शिक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन का प्रमुख दायित्व है।
जिलाधिकारी सविन बसंल: “बच्चे हमारे भविष्य हैं। उन्हें सुरक्षित और शिक्षाप्रद माहौल देना हमारी जिम्मेदारी है।”
हाईटेक डे-केयर सेंटर की योजना
जिलाधिकारी ने सेंटर को आधुनिक और सुविधायुक्त बनाने पर जोर दिया, ताकि कामकाजी माता-पिता, खासकर महिलाएं, इसका अधिकतम लाभ उठा सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि सेंटर में बच्चों के लिए आकर्षक और शिक्षाप्रद सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।प्रस्तावित सुविधाएं
- स्मार्ट टीवी: बच्चों के लिए डिजिटल लर्निंग।
- लाइब्रेरी कॉर्नर: ज्ञानवर्धक कॉमिक्स, किताबें और व्हाइटबोर्ड।
- खेल-कूद सामग्री: मनोरंजन और शारीरिक विकास के लिए उपकरण।
- आधुनिक फर्नीचर: बच्चों के लिए आरामदायक और सुरक्षित वातावरण।
बजट और संसाधन
जिलाधिकारी ने सेंटर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जिला योजना से बजट स्वीकृति के निर्देश दिए। उन्होंने बाल विकास विभाग को एक विस्तृत सूची तैयार करने को कहा, ताकि सेंटर को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा सके।आंगनबाड़ी केंद्रों का उन्नयन
वर्ष | आंगनबाड़ी केंद्र | उन्नयन सुविधाएं |
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पिछले वर्ष | 58 | एलपीजी, बिजली, डिजिटल लर्निंग, लाइब्रेरी कॉर्नर, शिक्षाप्रद पेंटिंग |
2025 | 150 | हाईटेक सुविधाएं, आधुनिक फर्नीचर, डिजिटल शिक्षा |
कामकाजी माता-पिता के लिए सुविधा
जिलाधिकारी ने कहा कि यह डे-केयर सेंटर कामकाजी माताओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। यह न केवल उनके बच्चों की देखभाल सुनिश्चित करता है, बल्कि उनके पेशेवर और पारिवारिक दायित्वों को संतुलित करने में भी मदद करता है।
सुरक्षा और स्वच्छता पर जोर
निरीक्षण के दौरान, जिलाधिकारी ने सेंटर में स्वच्छता और सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश दिए। उन्होंने प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा बच्चों की देखभाल, पौष्टिक भोजन और प्रारंभिक शिक्षा की गतिविधियों को नियमित करने पर बल दिया।
अभिभावक: “यह सेंटर हमारे लिए एक वरदान है। बच्चे सुरक्षित हैं और हमें काम करने की आजादी मिलती है।”
कर्मचारी भर्ती और सुधार
जिलाधिकारी ने सेंटर में कर्मचारियों और बच्चों की कम संख्या पर चिंता जताई। अधिकारियों ने बताया कि यह सेंटर डे-केयर और आधुनिक आंगनबाड़ी केंद्र दोनों के रूप में कार्य करता है, और वर्तमान में शहरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने बाल विकास निदेशालय से पत्राचार कर कर्मचारी संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।
भविष्य की योजना
सेंटर को हाईटेक बनाने और बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। यह पहल न केवल बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि कामकाजी माता-पिता को भी सहूलियत प्रदान करेगी।