उत्तराखंड

देहरादून साइबर ठगी का पर्दाफाश: STF ने नोएडा से दो ठगों को दबोचा, 66 लाख की ठगी का खुलासा

देहरादून साइबर ठगी का पर्दाफाश: STF ने नोएडा से दो ठगों को दबोचा, 66 लाख की ठगी का खुलासा

देहरादून

स्पेशल टास्क फोर्स (STF) उत्तराखण्ड की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए करोड़ों की साइबर ठगी (Cyber Fraud) का भंडाफोड़ किया है। टीम ने नोएडा से दो शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी इन्वेस्टमेंट कंपनी (Fake Investment Company) के नाम पर देहरादून के एक निवासी से 66 लाख रुपये से अधिक की ठगी (Cyber Cheating) को अंजाम दिया था।

निवेश के लालच में लाखों की ठगी

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF श्री नवनीत सिंह ने बताया कि पीड़ित व्यक्ति ने गूगल पर निवेश (Online Investment) संबंधी जानकारी खोजते समय एक फेसबुक पेज पर Times Now चैनल का वीडियो देखा। इस वीडियो में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हवाले से निवेश पर भारी मुनाफा (High Profit Investment) देने का झूठा वादा किया गया था।

इस विज्ञापन के झांसे में आकर पीड़ित ने CryptoPromarkets.com नामक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन किया और 07 मई से 29 मई 2025 के बीच आरोपियों के बताए विभिन्न बैंक खातों में कुल 66.21 लाख रुपये जमा कर दिए।

तकनीकी जांच के बाद हुई गिरफ्तारी

STF की टीम ने पीड़ित की शिकायत पर तत्परता दिखाते हुए गहन तकनीकी जांच (Technical Investigation) और साक्ष्य संकलन (Evidence Collection) की कार्रवाई की। इसके बाद, टीम ने नोएडा के सदरपुर, सेक्टर-45 निवासी नितिन गौर (34 वर्ष) और निक्कू बाबू (29 वर्ष) को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।

बरामदगी का विवरण:

गिरफ्तार अभियुक्तों के कब्जे से निम्नलिखित सामान बरामद हुआ है:

  • 01 टैब
  • 04 मोबाइल फोन
  • 06 सिम कार्ड
  • 12 एटीएम/डेबिट कार्ड
  • 02 आधार कार्ड
  • 01 पैन कार्ड
  • 02 पैन ड्राइव
  • 06 चैकबुक
  • 05 एमपीओएस मशीनें
  • 05 क्यूआर कोड साउंड बॉक्स
  • 14 क्यूआर स्कैनर
  • 02 कंपनी की मोहरें
  • 01 मेट्रो कार्ड

ठगी का तरीका और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

अभियुक्तों ने ‘NG Traders’ नाम से एक फर्जी कंपनी बनाकर फर्जी बैंक खाते और CUG नंबर खुलवाए थे। अपनी पहचान और लोकेशन छिपाने के लिए, ठगी के दौरान वे VPN, Proxy Server, Tor Browser और Public Wi-Fi का इस्तेमाल करते थे।

प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि आरोपियों का विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों (International Cyber Criminals) से संपर्क है और वे देशभर के बैंकों में 18 से 20 फर्जी करंट अकाउंट (Fake Bank Accounts) संचालित कर रहे थे। इस खुलासे में निरीक्षक देवेन्द्र नबियाल, उपनिरीक्षक मुकेश चन्द, हेड कांस्टेबल दिनेश पालीवाल, कांस्टेबल नितिन रमोला और कांस्टेबल अभिषेक भट्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

जनता से STF की अपील:

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग स्कीम (Online Trading Schemes) में बिना पूरी जांच-पड़ताल किए निवेश न करें। उन्होंने निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

  • गूगल से कस्टमर केयर नंबर सर्च करने से बचें।
  • OTP, PIN, CVV या बैंक विवरण किसी के साथ साझा न करें।
  • संदिग्ध कॉल, मैसेज और लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  • किसी भी ऑनलाइन धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।

STF का कहना है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क और अन्य फर्जी खातों की जांच अभी जारी है, जिससे आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।

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