जोशीमठ।
चमोली पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। भारतीय सेना के कैप्टन सक्षम कक्कड़ के साथ हुई 2,70,303 रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। यह ठगी व्हाट्सएप कॉल के जरिए फर्जी अधिकारी बनकर की गई थी।
कैप्टन सक्षम कक्कड़, जो जोशीमठ के रहने वाले हैं, ने अगस्त 2023 में पुलिस को शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें व्हाट्सएप कॉल के जरिए किसी ने मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर संपर्क किया और उनकी पहचान की जांच करने के बहाने उन्हें आधार कार्ड, आईडी कार्ड और ओटीपी लिंक भेजकर 2.7 लाख रुपये ठग लिए। कैप्टन ने इसकी शिकायत कोतवाली जोशीमठ में दर्ज की।
पुलिस कप्तान सर्वेश पंवार के निर्देश पर नंदानगर घाट थानाध्यक्ष संजय सिंह नेगी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। जांच में पाया गया कि ठगी की रकम आईसीआईसीआई बैंक के एक खाते में जमा हुई, जो बी. मानिकन्दन नामक व्यक्ति के नाम पर था। यह व्यक्ति एक सक्रिय साइबर अपराधी था और अपनी लोकेशन बार-बार बदल रहा था।
मार्च 2024 में, चमोली की एसओजी और तकनीकी टीम ने इसे केरल के कोठमंगलम से गिरफ्तार किया। जांच से यह भी खुलासा हुआ कि मामले का मास्टरमाइंड राजगुरु नाम का व्यक्ति है, जो लगातार अपनी जगह बदलकर पुलिस से बच रहा था। मुख्य आरोपी कारी सुरेश, जो विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) का निवासी है, को गिरफ्तार किया गया। वह एक बड़े साइबर अपराध गिरोह का हिस्सा है जो देश के कई राज्यों में फर्जी बैंक खाते खोलकर और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से धोखाधड़ी कर रहा था।
आरोपी ने विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप बनाए थे जिनमें वह फर्जी वेबसाइटों, आधार कार्ड, पैन कार्ड और नौकरी या शादी के नाम पर लोगों को ठगता था। वह देशभर में फैले खाताधारकों से संपर्क कर उनके बैंक खातों की जानकारी हासिल करता था। गिरफ्तारी के समय उसके पास से एक ओप्पो कंपनी का मोबाइल फोन बरामद हुआ, जिससे पता चला कि वह कई अंतरराज्यीय साइबर अपराधों में शामिल था।
इस कार्रवाई में शामिल पुलिस टीम में थानाध्यक्ष संजय सिंह नेगी, हेड कांस्टेबल अरुण गैरोला, कांस्टेबल राजेंद्र सिंह, और कांस्टेबल अंकित (एसओजी, चमोली) शामिल थे।