हल्द्वानी।
उत्तराखंड में होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेल कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो रहे हैं। पहली बार राज्य इस प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है, जिसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार ‘ग्रीन गेम्स’ की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
इसी क्रम में, क्लीयर प्रीमियम वॉटर को राष्ट्रीय खेल 2025 का हाइड्रेशन पार्टनर घोषित किया गया है। भारत में यह पहली बार है कि क्लीयर प्रीमियम वॉटर इन खेलों के लिए 100% रिसाइकल्ड बोतलें प्रदान करेगा।
इस साझेदारी की घोषणा 12 जनवरी 2025 को हल्द्वानी में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर की गई। इस कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार की माननीय खेल मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, माननीय सांसद अजय भट्ट और राज्य के खेल विभाग के अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
माननीय खेल मंत्री ने कहा, “हम आगामी राष्ट्रीय खेल के लिए ‘ग्रीन गेम्स’ की पहल को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खिलाड़ियों को मिलने वाले पदक और ट्रॉफियां रिसाइकल्ड ई-वेस्ट से बनाए गए हैं, और रिसाइकल्ड बोतलों का उपयोग एक महत्वपूर्ण कदम है। 38वें राष्ट्रीय खेल 2025 को ‘ग्रीन गेम्स’ के रूप में यादगार बनाना हमारा लक्ष्य है।”
क्लीयर प्रीमियम वॉटर इन खेलों की जल आवश्यकताओं को स्थायी रूप से पूरा करेगा। इस्तेमाल की गई बोतलें रीसायकल कर कलाकृतियों में बदली जाएंगी, जिन्हें उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर स्थापित किया जाएगा। यह राष्ट्रीय खेल की एक स्थायी विरासत होगी।
राष्ट्रीय खेल सचिवालय के सी.ई.ओ और विशेष प्रधान सचिव, श्री अमित सिन्हा ने कहा, “हमें क्लीयर प्रीमियम वॉटर को हमारे आधिकारिक हाइड्रेशन पार्टनर के रूप में शामिल करके खुशी हो रही है। यह टूर्नामेंट भारत की पहली रिसाइकल्ड बोतलों की शुरुआत क्लीयर के पर्यावरणीय प्रयासों और हमारे ‘ग्रीन गेम्स’ के उद्देश्य को दर्शाती है।”
साथ ही, क्लीयर प्रीमियम वॉटर राष्ट्रीय खेल की कचरा प्रबंधन टीम के साथ अपनी रीसाइक्लिंग विशेषज्ञता साझा करेगा।
क्लीयर प्रीमियम वॉटर के संस्थापक एवं सीईओ नयन शाह ने कहा, “क्लीयर प्रीमियम वॉटर में हमारा मानना है कि नवीनीकरण और सस्टैनिबिलिटी साथ-साथ चलते हैं। 100% रिसाइकल्ड बोतलों की शुरुआत के साथ 38वें राष्ट्रीय खेल का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व का क्षण है। हमारा उद्देश्य केवल हाइड्रेशन प्रदान करना नहीं बल्कि पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालना है।”
38वें राष्ट्रीय खेल न केवल खेल के क्षेत्र में बल्कि पर्यावरण संरक्षण के मॉडल के रूप में भी अपनी पहचान बनाएंगे।