उत्तराखंड

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी ने विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को बताया उत्तराखंड की नई पहचान

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देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड को योग और आयुष की भूमि बताते हुए, देहरादून में होने वाली 10वीं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को राज्य के लिए एक नई पहचान दिलाने वाला प्रयास कहा। उन्होंने कहा कि 12 से 15 दिसंबर तक होने वाला यह वैश्विक आयोजन आयुर्वेद के ज्ञान और विचार-विमर्श से निकलने वाला अमृत, न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को जगाएगा।
 
सोमवार को सचिवालय के मीडिया सेंटर में कांग्रेस के कर्टेन रेजर और प्रोग्राम गाइड का विमोचन करते हुए, मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि कोरोना महामारी के समय आयुर्वेद और आयुष का प्रभाव लोगों ने देखा है। उन्होंने इस आयोजन को ‘सर्वे सन्तु निरामयः’ के संदेश को घर-घर तक पहुंचाने का माध्यम बताया।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड प्राचीन काल से ही आयुर्वेद और प्रज्ञा का केंद्र रहा है। यहां के ऋषि-मुनियों ने आयुर्वेद को व्यापक रूप से शोधित किया है। राज्य की जलवायु औषधीय पौधों के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का उल्लेख करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विकास का यज्ञ चल रहा है और प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन राज्य को प्रेरित करता है। उन्होंने राज्य में किए गए नकल विरोधी कानून और समान नागरिक संहिता के प्रयासों का भी जिक्र किया। नीति आयोग ने उत्तराखंड के समग्र विकास के प्रयासों की सराहना की है, जिसके फलस्वरूप राज्य को सतत विकास लक्ष्यों में प्रथम स्थान मिला है।

 

उन्होंने बताया कि इस आयुर्वेद कांग्रेस में 58 देशों के 300 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि, देश भर से 6500 प्रतिनिधि और 2 लाख आगंतुक शामिल होंगे, जो ज्ञान और सहयोग का मंच बनेगा। उत्तराखंड का पवेलियन 8 विभागों के साथ आयुर्वेद और वेलनेस पर्यटन को बढ़ावा देगा।

 

मुख्यमंत्री ने आयुष नीति के माध्यम से आयुष क्षेत्र के विकास की बात कही, जिसमें योग नीति, नये आयुष अस्पतालों का निर्माण और आयुष आधारित आरोग्य मंदिरों की स्थापना शामिल है। राज्य के आयुष अस्पतालों में टेलीमेडिसिन, पंचकर्म जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं और 150 से अधिक आयुष चिकित्सालयों को NABH Accreditation प्राप्त हुई है।

 

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव रविनाथ रमन ने अपने विचार रखे और कांग्रेस के ट्रस्टी रजनीश पौराणिक ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन निदेशक आयुष विजय जोगदंडे ने किया।

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