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आयुष विभाग में 55% पद खाली, स्वास्थ्य सेवाओं पर संकट

चंडीगढ़, 29 नवंबर (ट्रिन्यू)

प्रदेश सरकार आयुर्वेद और आयुष बढ़ावा देने की कवायद में जुटी है। बकायदा एक हजार से ज्यादा गांवों में व्यायामशालाएं खोली जा चुकी हैं। साथ ही, योग को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा चुका है। लेकिन विभाग के सामने स्टाफ की भारी कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। हाल ही में हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश की गई कैग रिपोर्ट ने विभाग की इस समस्या को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, आयुष विभाग में 55% पद खाली हैं, जबकि जिलों में जनसंख्या के अनुपात में स्टाफ की नियुक्ति में असमानता है। रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग में 50% डॉक्टरों और 60% पैरामेडिकल स्टाफ के पद खाली हैं। महेंद्रगढ़ और चरखी-दादरी जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां 75% पद रिक्त हैं। वहीं, नूंह में 69% और पलवल में 65% पद खाली हैं।

स्वीकृत पदों के बावजूद भर्ती नहीं

आयुष विभाग में कुल 2277 पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनका 55% हिस्सा खाली है। यह हरियाणा के स्वास्थ्य संस्थानों में स्वीकृत पदों का मात्र 5.5% है। वहीं, आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारियों के 44% पदों पर भी नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं।

कांट्रेक्ट कर्मियों पर निर्भरता बढ़ी

जनवरी 2023 तक विभाग ने 2234 कांट्रेक्ट कर्मियों को नियुक्त किया था। इनमें 916 योग सहायक और 1021 सफाई कर्मचारी व जलवाहक शामिल हैं। हालांकि, संविदा कर्मियों के बावजूद, विभाग की मांग पूरी नहीं हो पाई है।

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