भगवानपुर।
भगवानपुर में तंबाकू मुक्त विद्यालयों की दिशा में सशक्त प्रयास Bhagwanpur’s Strong Push for Tobacco-Free Schools
वर्तमान समय में तंबाकू सेवन के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याएँ और अकाल मृत्यु वैश्विक स्तर पर एक गंभीर चुनौती बनी हुई हैं। तंबाकू न केवल कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसी जानलेवा बीमारियों का प्रमुख कारण है, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक नुकसान भी पहुँचाता है।
भारत में तंबाकू के कारण हर साल लगभग 13.5 लाख लोग असमय मृत्यु का शिकार हो रहे हैं, और करीब 27 करोड़ लोग इसकी लत में जकड़े हुए हैं। ग्लोबल यूथ सर्वे 2019 के आँकड़ों के अनुसार, भारत में 15 वर्ष और उससे कम आयु के लगभग 8.5% छात्र-छात्राएँ तंबाकू की लत में फंसे हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए भगवानपुर में तंबाकू मुक्त विद्यालयों और समाज की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
आँकड़ा | विवरण |
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वार्षिक मृत्यु (तंबाकू के कारण) | 13.5 लाख |
तंबाकू की लत में लोग | 27 करोड़ |
15 वर्ष से कम आयु के छात्र (तंबाकू सेवन) | 8.5% |
शिक्षकों की भूमिका और तंबाकू मुक्त अभियान Teachers’ Role in Tobacco-Free Campaign
इस अवसर पर सलाम मुंबई फाउंडेशन के समन्वयक ने अपने मार्गदर्शन में शिक्षकों को तंबाकू के खिलाफ जागरूकता फैलाने और विद्यार्थियों को इस नशे से दूर रखने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि तंबाकू मुक्त विद्यालयों के निर्माण के साथ-साथ नागरिकों और विशेष रूप से युवाओं को इस लत से बचाने के लिए शिक्षकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इसी तरह, एक अन्य वक्ता ने जोर देकर कहा कि विद्यार्थियों को तंबाकू की लत से मुक्त कर एक स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण प्रदान करना हमारा सामूहिक दायित्व है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्था नीति अभियान इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यशालाओं का आयोजन और संकल्प Workshops and Pledges for Tobacco-Free Schools
9, 10 और 11 सितंबर को भगवानपुर विकासखंड में खंड शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में बीआरसी प्रशिक्षण केंद्र में तीन दिनों तक पाँच बैचों में कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। इन कार्यशालाओं में भगवानपुर विकासखंड के 164 प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
सभी ने अपने-अपने विद्यालयों को तंबाकू मुक्त बनाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड शिक्षा अधिकारी ने की, और सलाम मुंबई फाउंडेशन, एवरेस्ट फाउंडेशन, और बालाजी सेवा संस्थान के प्रतिनिधियों ने प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन भगवानपुर, हरिद्वार के एक प्रतिनिधि ने किया।
विवरण | आँकड़े |
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कार्यशाला की तारीखें | 9, 10, 11 सितंबर |
बैचों की संख्या | 5 |
प्रतिभागी शिक्षक/प्रधानाचार्य | 164 |
भविष्य की योजनाएँ और सहयोग Future Plans and Collaborative Efforts
कार्यशाला में यह जानकारी भी दी गई कि एवरेस्ट फाउंडेशन के सहयोग से भगवानपुर ब्लॉक के सभी विद्यालयों को जल्द ही तंबाकू मुक्त बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। इस अभियान में शिक्षकों की भूमिका को निर्णायक बताया गया, जो न केवल विद्यार्थियों को तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत कराएंगे, बल्कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण में भी योगदान देंगे। यह प्रयास न केवल भगवानपुर, बल्कि पूरे देश को तंबाकू मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।