देहरादून।
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय (Shri Dev Suman Uttarakhand University) और SPECS, देहरादून के सहयोग से स्पीकिंगक्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन (Speakingcube Online Mental Health Consulting Foundation) द्वारा आयोजित 12-दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) (Faculty Development Program) “शिक्षण और अनुसंधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सम्मेलन – भविष्य के लिए एक नवोन्मेषी शिक्षाशास्त्र” 13 सितंबर 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। यह आयोजन शिक्षा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) (Artificial Intelligence) के माध्यम से आधुनिक बनाने में महत्वपूर्ण कदम है।
उद्घाटन और मुख्य अतिथि | Inauguration and Chief Guests
एफडीपी का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति और मुख्य संरक्षक प्रो. डॉ. एन. के. जोशी (Prof. Dr. NK Joshi) ने किया। उन्होंने उच्च शिक्षा में एथिकल AI (Ethical AI) के समावेशन पर जोर दिया। मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. राणा प्रताप सिंह (Prof. Dr. Rana Pratap Singh, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय) ने भारत के विकास में AI की भूमिका पर चर्चा की।
उद्घाटन संबोधन प्रो. डॉ. दीपिका चामोली शाही (Prof. Dr. Deepika Chamoli Shahi, संस्थापक, स्पीकिंगक्यूब) ने दिया, जो Southern New Hampshire University, USA से भी संबद्ध हैं।
आयोजन समिति | Organizing Committee
- प्रो. डॉ. जी. के. ढींगरा (Prof. Dr. GK Dhingra), निदेशक, अनुसंधान एवं विकास, SDSUV, एफडीपी सलाहकार
- प्रो. डॉ. रीता कुमार (Prof. Dr. Rita Kumar), सीनियर प्रोफेसर, एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, स्पीकिंगक्यूब सलाहकार
- प्रो. डॉ. दीपिका चामोली शाही, संस्थापक, स्पीकिंगक्यूब, SNHU और सेंट लियो यूनिवर्सिटी, यूएसए, एफडीपी संयोजक
- डॉ. बृज मोहन शर्मा (Dr. Brij Mohan Sharma), संस्थापक, SPECS, देहरादून, एफडीपी सलाहकार
- प्रो. डॉ. निधि वर्मा (Prof. Dr. Nidhi Verma), एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान, एमिटी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम, सह-संयोजक
- प्रो. डॉ. राजेश सिंह (Prof. Dr. Rajesh Singh), निदेशक, उत्तरांचल विश्वविद्यालय, एफडीपी सलाहकार
- सुश्री स्नेहा भारद्वाज (Ms. Sneha Bhardwaj), कंसल्टेंट साइकॉलजिस्ट, स्पीकिंगक्यूब, समन्वयक
- सुश्री काजल तोमर (Ms. Kajal Tomar), कंसल्टेंट साइकॉलजिस्ट, स्पीकिंगक्यूब, समन्वयक
प्रमुख वक्ता और विषय | Key Speakers and Topics
- प्रो. डॉ. रीता कुमार: NEP 2020, गेमिफिकेशन, SPSS, AI नैतिकता
- प्रो. डॉ. हरप्रीत भाटिया: ब्लेंडेड लर्निंग
- प्रो. डॉ. राजेश सिंह: AI पेडागॉजी
- प्रो. डॉ. निधि वर्मा: अनुसंधान उपकरण
- प्रो. डॉ. सुनीता ढेवाल: अनुसंधान पद्धति
- प्रो. डॉ. मोहम्मद अमीन वानी: फ्लिप्ड क्लासरूम, AI इन लिटरेचर रिव्यू
- सुश्री शिखा चामोली सिन्हा (SNHU, इंटुइट, कैलिफोर्निया): AI शिक्षण उपकरण
- प्रो. डॉ. नदीम लुकमान: AI डेटा विश्लेषण
- प्रो. डॉ. निशा कौशिक: RStudio
- प्रो. डॉ. काजल: ATLAS.ti
- प्रो. डॉ. दीपिका चामोली: इमर्सिव तकनीक, PRISMA, मात्रात्मक अनुसंधान डिज़ाइन
कार्यक्रम का संचालन | Program Execution
संचालन सुश्री स्नेहा भारद्वाज, सुश्री काजल तोमर, और श्रीमती अनुपा केरी ने किया। सत्रों में AI-संचालित शिक्षाशास्त्र (AI-driven pedagogy), ब्लेंडेड और फ्लिप्ड लर्निंग, गेमिफिकेशन, और SPSS, RStudio, ATLAS.ti जैसे वैश्विक शोध उपकरणों पर चर्चा हुई। उद्देश्य दायित्वपूर्ण और नवोन्मेषी शैक्षणिक वातावरण बनाना था।
समापन और प्रभाव | Conclusion and Impact
प्रो. डॉ. जी. के. ढींगरा, डॉ. बृज मोहन शर्मा, और प्रो. डॉ. दीपिका चामोली शाही ने समापन में तकनीक और शिक्षाशास्त्र के बीच पुल बनाने पर जोर दिया। देश भर से 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो भारत के शैक्षिक संस्थानों की AI के जिम्मेदार समावेशन (responsible AI integration) की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शिक्षा में तकनीक का भविष्य | Future of Technology in Education
यह एफडीपी शिक्षा और अनुसंधान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को अपनाने का एक मील का पत्थर है।