वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के नेतृत्व में पौड़ी पुलिस ने पूरे वर्ष अपराध नियंत्रण और जन जागरूकता में सराहनीय कार्य किया है। पुलिस ने न केवल अपराधों का सफलतापूर्वक अनावरण किया, बल्कि आम जनता को भी विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया।
- साइबर अपराध की रोकथाम: पौड़ी पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ 75 मामले दर्ज कर 60 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इन मामलों में 1.05 करोड़ रुपये पीड़ितों को वापस दिलाए गए।
- नशीले पदार्थों की रोकथाम: एनडीपीएस एक्ट के तहत 52 लोगों के खिलाफ 39 मामले दर्ज कर, 3 किलो 174 ग्राम चरस, 214.3 ग्राम स्मैक और 332 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया।
- नई साइबर सेल और एफएफयू यूनिट: श्रीनगर में एक नई साइबर सेल और एफएफयू यूनिट का गठन हुआ, जिससे स्थानीय लोगों को आसानी से साइबर समस्याओं का समाधान मिल सके।
- महिला सुरक्षा: हर थाने में पिंक यूनिट टीमों का गठन हुआ, जिन्होंने स्कूलों में जाकर छात्राओं को महिला सुरक्षा और उत्तराखंड पुलिस ऐप के बारे में जानकारी दी।
- आत्मरक्षा प्रशिक्षण: 7,550 छात्राओं और 100 कार्यालयी महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया गया।
- जन जागरूकता: पुलिस ने 120 से अधिक शिक्षण संस्थानों में जाकर 15,000 से अधिक छात्र-छात्राओं को साइबर अपराध, नशे के दुष्प्रभावों और महिला सुरक्षा के बारे में जागरूक किया।
- ग्रामीण जागरूकता: 200 से अधिक गांवों में जाकर महिला मंगलदल और अन्य स्थानीय लोगों को विभिन्न अपराधों की रोकथाम के बारे में जानकारी दी गई।
- वरिष्ठ नागरिकों की सेवा: 200 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के घरों में जाकर उनकी समस्याएं सुनी गईं और जरूरतमंद परिवारों को राशन किट उपलब्ध कराई गईं।
- साइबर अपराध से राहत: साइबर सेल ने 109 मामलों में 1,05,51,200 रुपये पीड़ितों को वापस दिलाए।
- अन्य कार्रवाइयां: 25 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया और गुंडा अधिनियम के तहत 21 लोगों को जिला बदर किया गया। इसके अलावा, मोटर वाहन अधिनियम के तहत 37,870 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लगभग 2 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया।