कोटद्वार।
जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने मंगलवार को बेस चिकित्सालय, कोटद्वार का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चिकित्सालय की व्यवस्थाओं का गहन अवलोकन कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
अस्पताल की व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारी का फोकस (DM’s Focus on Hospital Arrangements)
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने दवाओं की उपलब्धता (medicine availability), उपकरणों एवं संसाधनों की सूची को अद्यतन रखने, ई-औषधि पोर्टल के संचालन को सुनिश्चित करने तथा मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं (better health services) उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सालय को विश्व स्तरीय अस्पताल के रूप में विकसित करने के लिए सभी संबंधित अधिकारी गंभीरता से कार्य करें।
सुविधाओं में सुधार के निर्देश (Directives for Improvement of Facilities)
उन्होंने दंत चिकित्सा इकाई में आर.सी.टी. सेवा शुरू कराने, जच्चा-बच्चा वार्ड एवं एम्बुलेंस की स्थिति की नियमित जांच करने तथा चिकित्सालय परिसर में स्वच्छता और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। साथ ही, योजनाओं तथा मेडिकल टेस्ट की जानकारी आमजन तक पहुँचाने के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए।
रजिस्टर संधारण और स्वच्छता पर जोर (Emphasis on Register Maintenance and Hygiene)
जिलाधिकारी ने अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए रजिस्टर संधारित करने, शौचालयों की नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित करने, ओपीडी रजिस्टर में समयबद्ध प्रविष्टि करने तथा स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निम्नलिखित विभागों का बारीकी से निरीक्षण किया:
- आपातकालीन कक्ष (Emergency Room)
- ओपीडी पंजीकरण काउंटर (OPD Registration Counter)
- अल्ट्रासाउंड कक्ष (Ultrasound Room)
- एक्स-रे एवं एमआरआई सेक्शन (X-ray & MRI Section)
- महिला एवं प्रसूति वार्ड (Female & Maternity Ward)
- बाल वार्ड (Pediatric Ward)
- शल्य चिकित्सा वार्ड (Surgical Ward)
- दवा वितरण केंद्र (Medicine Distribution Center)
- पैथोलॉजी लैब (Pathology Lab)
चिकित्सकों के साथ बैठक और उनकी मांगें (Meeting with Doctors and Their Demands)
तत्पश्चात जिलाधिकारी ने चिकित्सकों की बैठक भी ली, जिसमें आवश्यक संसाधनों एवं व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की। साथ ही चिकित्सकों ने अपनी मांगें तथा सुझाव भी जिलाधिकारी के सामने रखे, जिसका जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए प्रमुख अधीक्षक को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मरीजों से सीधा संवाद और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं (Direct Interaction with Patients and Quality Services)
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने मरीजों और उनके तीमारदारों से भी वार्ता की और अस्पताल में मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने के निर्देश दिए।
दवाओं की उपलब्धता और रेफरल नीति (Availability of Medicines and Referral Policy)
जिलाधिकारी ने इमरजेंसी वार्ड में जाकर जीवन रक्षक दवाओं के स्टॉक की जांच की तथा दवाओं की उपलब्धता, उपचार की समयसीमा और मशीनों के नियमित परीक्षण की स्थिति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अस्पताल में जाँचों की रेट लिस्ट प्रदर्शित करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसी भी मरीज को दवा या इलाज के अभाव में परेशानी न हो। उन्होंने निर्देश दिए कि मरीजों को केवल अत्यंत जटिल मामलों पर ही रेफर किया जाए तथा दवाएं अस्पताल की डिस्पेंसरी से ही उपलब्ध करायी जाएं।
विशेषज्ञ चिकित्सकों की भूमिका और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (Role of Specialist Doctors and National Child Health Program)
उन्होंने जन औषधि केंद्र में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी वार्डों में उच्च स्तर की स्वच्छता सुनिश्चित की जाय और विशेषज्ञ चिकित्सकों से इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर का कार्य न लिया जाय। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि विशेषज्ञ चिकित्सक केवल स्वास्थ्य परीक्षण एवं ऑपरेशन जैसे कार्यों के लिए उपलब्ध रहें। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Child Health Program) महत्वपूर्ण कार्यक्रम है इसकी समीक्षा मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ समीक्षा की जाएगी।
इस दौरान अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. विजय सिंह, उप जिलाधिकारी कोटद्वार सोहन सिंह सैनी, तहसीलदार साक्षी उपाध्याय सहित अस्पताल के चिकित्सक व अन्य स्टाफ उपस्थित रहे।