देहरादून
उत्तराखंड की बिजली व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (पिटकुल) ने बड़ा कदम उठाया है। पिटकुल के मीडिया प्रभारी अशोक कुमार जुयाल ने बताया कि बीते 28 फरवरी 2025 को हुई 99वीं निदेशक मंडल की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में पिटकुल के सबस्टेशनों को तकनीकी रूप से उन्नत करने पर गहन चर्चा हुई, जिसे निदेशक मंडल ने हरी झंडी दिखाई।

सबस्टेशनों में ऑटोमेशन सिस्टम को मंजूरी
बैठक में 220/33 केवी सबस्टेशन जाफरपुर और 220/132/33 केवी सबस्टेशन कमलुआगंजा में सबस्टेशन ऑटोमेशन सिस्टम (एसएएस) की आपूर्ति और निर्माण के लिए डीपीआर और ई-टेंडर संख्या CE/TandC/PTCUL/HLD/02/2024-25 के अवार्ड पर विचार किया गया। निदेशक मंडल ने इसे स्वीकृति दे दी। इसके अलावा स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर उत्तराखंड (एसएलडीसी) के लिए अगली पीढ़ी (नेक्स्ट जेनरेशन) के सुरक्षा संचालन केंद्र की स्थापना के लिए डीपीआर को भी मंजूरी मिली। साथ ही, पीएसडीएफ फंडिंग के तहत पिटकुल में परियोजना नवीनीकरण और संरक्षण प्रणाली (स्टेज-II) के डीपीआर को भी हरी झंडी दी गई।
माणा गांव हिमस्खलन पर संवेदना, बिजली आपूर्ति के निर्देश
बैठक में माणा गांव में हाल ही में हुए हिमस्खलन की दुखद घटना का जिक्र भी हुआ। पिटकुल प्रबंधन ने इस पर गहरी संवेदना जताई। इसके साथ ही, प्रबंधन ने अधिशासी अभियंता, 132 केवी परियोजना एवं अनुरक्षण उपसंस्थान, श्रीनगर को सख्त निर्देश दिए। उन्हें अपनी टीम और परीक्षण एवं परिचालन इकाई के साथ माणा गांव के नजदीकी पिटकुल विद्युत उपकेंद्र (66 केवी मारवाड़ी जोशीमठ) पर तैनात रहने को कहा गया। निर्देश दिए गए कि पारेषण स्तर से बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। इतना ही नहीं, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को भी हर संभव मदद देने का भरोसा दिया गया। साथ ही, किसी भी जरूरत या अपडेट के लिए उच्च अधिकारियों को समय-समय पर जानकारी देने के निर्देश जारी किए गए।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक
यह अहम बैठक उत्तराखंड शासन की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इसमें स्वतंत्र निदेशक एस. रविशंकर (सेवानिवृत्त भा.प्र.से.), पराग गुप्ता (सेवानिवृत्त भा.प्र.से.), अरविंद कुमार बर्थवाल (सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता), प्रबंध निदेशक पी.सी. ध्यानी, जी.एस. बुदियाल, अरुण सबरवाल, अशोक कुमार जुयाल, अनुपम सिंह, मनोज कुमार, पंकज कुमार, डी.पी. सिंह सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे। यह बैठक न सिर्फ तकनीकी उन्नयन की दिशा में एक कदम है, बल्कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता भी दर्शाती है।