अल्मोड़ा।
सोमवार को अल्मोड़ा के गांधी पार्क में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान हुए गोलीकांडों के शहीदों को श्रद्धांजलि सभा में याद किया गया। खटीमा, मसूरी और मुजफ्फरनगर में हुए गोलीकांडों के शहीदों की स्मृति में आयोजित इस सभा में छात्र-छात्राओं, ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतर्जातीय विवाह के कारण जगदीश की हत्या की कड़ी निंदा की गई और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

राज्य की अवधारणा और संसाधनों पर सवाल (Questions on State’s Vision and Resources)
सभा को संबोधित करते हुए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के 25 वर्षों के इतिहास में सत्तारूढ़ पार्टियों ने राज्य की अवधारणा, अस्मिता और प्राकृतिक संसाधनों (natural resources) को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारों ने पूंजीपतियों, माफियाओं और बड़ी कंपनियों को संरक्षण देकर जल, जंगल और जमीन (Jal, Jungle, Jameen) की खुली लूट को बढ़ावा दिया है।
विकास के नाम पर अपनाई गई नीतियों ने उत्तराखंड को विनाश के कगार पर ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि राज्य आज बेरोजगारी (unemployment), महंगाई और भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुका है। स्थायी सरकारी नौकरियों को समाप्त कर लाखों युवाओं को ठेके और मानदेय पर निर्भर रहने को मजबूर किया गया है। खेती-किसानी को उपेक्षा और जंगली जानवरों की मार से चौपट कर दिया गया है, जिससे गांव खाली हो रहे हैं और पलायन की समस्या और गंभीर हो गई है। अनियोजित विकास परियोजनाओं ने हिमालयी पारिस्थितिकी को गंभीर खतरे में डाल दिया है, जिसका दुष्परिणाम हम आए दिन आपदाओं के रूप में देख रहे हैं।
शहीदों के अधूरे सपने (Martyrs’ Unfulfilled Dreams)
अन्य वक्ताओं ने कहा कि शहीदों का सपना सिर्फ राज्य बनाना ही नहीं था, बल्कि एक समावेशी, न्यायपूर्ण और स्वाभिमानी उत्तराखंड का निर्माण करना था, जो आज तक पूरा नहीं हो सका। इस दौरान “शहीदों हम शर्मिंदा हैं, तुम्हारे कातिल ज़िंदा हैं” और “जल-जंगल-जमीन हमारी है, नहीं सहेंगे लूट तुम्हारी” जैसे नारे गूंजे। सभा में एक स्वर से उत्तराखंड की जनता से आह्वान किया गया कि वे राज्य निर्माण के मूल उद्देश्यों की पुनर्स्थापना, उत्तराखंडी अस्मिता की रक्षा और सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तन के लिए संगठित होकर संघर्ष के एक नए चरण की शुरुआत करें। संकल्प लिया कि शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए जनजागरण और जनसंगठन की ताकत को फिर से खड़ा किया जाएगा।
आयोजन में प्रमुख हस्तियाँ (Key Dignitaries at the Event)
सभा की अध्यक्षता केंद्रीय उपाध्यक्ष समिति आनंदी वर्मा ने की तथा संचालन एडवोकेट नारायण आर्य ने किया। सभा को उपपा की केंद्रीय उपाध्यक्षा आनंदी वर्मा, एड. नारायण राम, एड. विनोद चंद्र तिवारी, डॉ. जेसी दुर्गापाल, प्रेम चंद्र, ममता जोशी, चिंतामणि भट्ट, उछास की नीमा आर्या, सोनी मेहता, हेमा, एड. विनोद जोशी, भावना पांडे आदि ने संबोधित किया। सभा में धौलादेवी से बसंत सिंह खनी, ममता बिष्ट, किरन आर्या, पूजा, एड पान, राजू गिरी, चंदन सिंह, मोहम्मद वसीम, गोपाल सिंह गैड़ा, उछास की भावना पांडे, दीपांशु पांडे, राकेश समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।
उपस्थित व्यक्ति | पद/संगठन | गांव/क्षेत्र |
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आनंदी वर्मा | केंद्रीय उपाध्यक्ष समिति | – |
नारायण आर्य | संचालन | – |
नीमा आर्या | उछास | – |
भावना पांडे | उछास | – |
बसंत सिंह खनी | – | धौलादेवी |
गोपाल सिंह गैड़ा | – | – |
यह श्रद्धांजलि सभा राज्य आंदोलन के शहीदों के बलिदान को याद करने और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के संकल्प को दोहराने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।