उत्तराखंड

देहरादून में गढ़वाल राइफल्स का 50वां स्थापना दिवस (Garhwal Rifles Anniversary): सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि

देहरादून के बालावाला में वेडिंग प्वाइंट पर 14वीं बटालियन गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) ने अपना 50वां स्थापना दिवस (50th Anniversary) धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत और शहीदों को श्रद्धांजलि (Tribute to Martyrs)

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन (Lamp Lighting) के साथ हुई। देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों (Martyrs) को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। वीर नारियों (War Widows) और वीरता पदक प्राप्त पूर्व सैनिकों (Veterans) को सम्मानित किया गया। इस दौरान सभी ने हिमालय बचाओ अभियान (Save Himalaya Campaign) के तहत पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) की शपथ भी ली।

मंत्री जोशी का संबोधन (Ganesh Joshi Speech)

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सभी पूर्व सैनिकों को स्थापना दिवस (Anniversary Celebration) की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने बताया कि वे स्वयं 14वीं बटालियन गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) में सेवा कर चुके हैं और उनकी सैनिक पृष्ठभूमि ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचाया। जोशी ने कहा कि गढ़वाल राइफल्स वीरता (Bravery) की मिसाल है और उत्तराखंड वीरों व राष्ट्रभक्तों की भूमि है।

उत्तराखंड का सैन्य योगदान (Uttarakhand Soldiers)

मंत्री ने बताया कि छोटे राज्य उत्तराखंड से देश की सेना में लगभग 17.5 प्रतिशत सैनिक (Soldiers) आते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सैनिकों के प्रति विशेष लगाव का जिक्र करते हुए कहा कि वर्षों से लंबित वन रैंक वन पेंशन (One Rank One Pension) की मांग को मोदी सरकार ने पूरा किया।

सैनिकों के लिए सरकारी पहल (Soldiers Welfare)

जोशी ने बताया कि राज्य सरकार ने पूर्व सैनिकों (Veterans) की समस्याओं के समाधान के लिए जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी (Nodal Officers) नियुक्त किए हैं। शहीदों के परिवारों को एक सदस्य को नौकरी (Job for Martyrs’ Family) देने का प्रावधान लागू किया गया है। देहरादून में भव्य सैन्यधाम (Sainya Dham) का निर्माण तेजी से चल रहा है, जिसका जल्द ही लोकार्पण होगा। यह सैन्यधाम उत्तराखंड की वीरभूमि और शहीदों के पराक्रम (Bravery) का प्रतीक होगा।

पूर्व सैनिकों की पेंशन में वृद्धि (Veterans Pension)

मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने द्वितीय विश्व युद्ध के पूर्व सैनिकों और उनकी विधवाओं की पेंशन (Pension) को बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। वर्तमान में लगभग 650 पूर्व सैनिकों और विधवाओं (Veterans and Widows) को इस पेंशन का लाभ मिल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सैनिकों के सम्मान और हितों की रक्षा (Soldiers’ Welfare) सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

विवरणआंकड़े
उत्तराखंड के सैनिकों का योगदान17.5% (राष्ट्रीय सेना में)
पेंशन प्राप्त करने वाले650 पूर्व सैनिक और विधवाएं
पेंशन राशि10,000 रुपये प्रति माह

स्वर्गीय कैप्टन धनीराम नैनवाल को श्रद्धांजलि (Tribute to Captain Dhaniram)

मंत्री जोशी ने गढ़वाल राइफल्स के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय कैप्टन धनीराम नैनवाल को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सैन्यधाम (Sainya Dham) उनके पराक्रम और उत्तराखंड की वीरता का प्रतीक बनेगा।

उपस्थित अतिथि और पूर्व सैनिक (Attendees)

कार्यक्रम में अध्यक्ष उमानंद जोशी, कर्नल हरि सिंह चौधरी, पूर्व अध्यक्ष गुलाब सिंह बिष्ट, सूबेदार पूरण चंद्र, बाल सिंह जुयाल, कैप्टन त्रिलोक सिंह, लक्ष्मी तोमर, सुलोचना सहित कई पूर्व सैनिक और वीर नारियां मौजूद रहीं।

सैनिकों के सम्मान में समर्पण (Dedication to Soldiers)

यह कार्यक्रम गढ़वाल राइफल्स की गौरवशाली परंपरा और उत्तराखंड के सैनिकों (Uttarakhand Soldiers) के योगदान को दर्शाता है। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सभी को एकजुट होकर सैनिकों के कल्याण (Soldiers Welfare) और पर्यावरण संरक्षण (Environmental Protection) के लिए काम करने का आह्वान किया।

14वीं बटालियन गढ़वाल राइफल्स का यह 50वां स्थापना दिवस (Garhwal Rifles Anniversary) सैनिकों की वीरता और उत्तराखंड की शान को गर्व के साथ प्रस्तुत करता है।

The event highlighted the valor of the Garhwal Rifles and the government’s commitment to the welfare of veterans and soldiers.

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