उत्तराखंड

डांडी कांठी क्लब का जागर संरक्षण दिवस 2025, लोक कलाकारों को राज्य वाद्य यंत्र सम्मान | Jager Conservation Day Uttarakhand 2025

डांडी कांठी क्लब का जागर संरक्षण दिवस 2025, लोक कलाकारों को राज्य वाद्य यंत्र सम्मान | Jager Conservation Day Uttarakhand 2025

देहरादून।

उत्तराखंड की अनूठी लोक कला और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए सामाजिक संस्था डांडी कांठी क्लब (Dandi Kanti Club) ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मध्य हिमालयी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित इस संस्था ने विगत वर्षों की तरह इस बार भी पारंगत कलाकारों के सम्मान में 17 सितंबर 2025 को जागर संरक्षण दिवस (Jager Conservation Day) मनाने का फैसला लिया है।

इस अवसर पर लोक विधाओं जैसे जागर, पवाड़े, लोक गीत, लोक नृत्य, लोक वाद्य और विलुप्त हो रही कलाओं को संरक्षित करने के संकल्प के साथ 11 श्रेष्ठ कलाकारों को राज्य वाद्य यंत्र सम्मान 2025 (State Instrument Award 2025) और 6 अधिकारियों को डांडी कांठी रत्न 2025 (Dandi Kanti Ratna 2025) से सम्मानित किया जाएगा।

जागर संरक्षण दिवस का महत्व | Significance of Jager Conservation Day

डांडी कांठी क्लब ने 8वीं बार द्रोण नगरी देहरादून (Dron Nagari Dehradun) में यह अनुष्ठान आयोजित कर रहा है। कार्यक्रम में ढोल सागर, देवसार, पैंसारा, थाती, और योग जैसे पारंपरिक वाद्यों के पारंगत कलाकारों का सम्मान होगा। संस्था समय-समय पर खेल प्रतियोगिताएं, लोक महोत्सव, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से उत्तराखंड की लोक संस्कृति (folk culture) को जीवित रखने का प्रयास कर रही है।

कार्यक्रम का विवरण | Program Details

  • तिथि और समय: 17 सितंबर 2025, शाम 5 बजे से।
  • स्थान: संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह, निकट दूरदर्शन केंद्र, हरिद्वार बाईपास रोड, देहरादून।
  • विशेष आकर्षण: प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से कलाकारों की प्रस्तुतियां, लोक विधाओं का प्रदर्शन।
  • उद्देश्य: विलुप्त हो रही लोक कलाओं का संरक्षण, नई पीढ़ी को जोड़ना।
सम्मान का प्रकारसंख्यालक्ष्य
राज्य वाद्य यंत्र सम्मान11पारंगत लोक कलाकार
डांडी कांठी रत्न6विशिष्ट योगदान वाले अधिकारी

प्रेस वार्ता में उपस्थित व्यक्ति | Attendees at Press Conference

प्रेस वार्ता में क्लब के अध्यक्ष विजय भूषण उनियाल (Vijay Bhushan Uniyal), सचिव कृष्णानंद भट्ट (Krishnanand Bhatt), प्रकाश बडोनी (Prakash Badoni), प्रीतम सिंह रावत (Pritam Singh Rawat), नरेश रावत (Naresh Rawat), प्रमोद नौटियाल (Pramod Nautiyal), मंच संचालक सुनील सजवाण (Sunil Sajwan), सुदर्शन सिंह कैंतुरा (Sudarshan Singh Kaintura), सरोज रावत (Saroj Rawat), विनोद

असवाल (Vinod Aswal), विजय बहुखंडी (Vijay Bahukhandi) सहित क्लब के पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।

लोक संस्कृति का संरक्षण | Preservation of Folk Culture

डांडी कांठी क्लब (Dandi Kanti Club) का यह प्रयास उत्तराखंड की लोक कला और संस्कृति को संरक्षित करने में मील का पत्थर साबित होगा। जागर संरक्षण दिवस से पारंपरिक विधाएं जीवित होंगी।

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