देहरादून।
देहरादून जिला प्रशासन ने सामाजिक सरोकार की मिसाल पेश करते हुए एक निर्धन परिवार की तीन बेटियों—काजल, प्रीति, और रागिनी—को स्कूल में दाखिला दिलाकर उनकी जिंदगी में शिक्षा की किरण जलाई। साथ ही उनकी बड़ी बहन सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण (employment-oriented training) और सेवायोजन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
जिलाधिकारी सविन बंसल (DM Savin Bansal) के निर्देशों पर यह कार्य प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा (Project Nanda Sunanda) के तहत किया जा रहा है, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों को शिक्षा और रोजगार से जोड़ने का सराहनीय प्रयास है।
तीन बेटियों का स्कूल में दाखिला | Admission of Three Sisters to School
तीन बेटियों—काजल (कक्षा 5), प्रीति (कक्षा 4), और रागिनी (कक्षा 3)—को राष्ट्रीय प्राथमिक विद्यालय, लाडपुर, रायपुर (Government Primary School, Ladpur, Raipur) में दाखिला दिलाया गया। स्कूल ड्रेस पहनकर इन बालिकाओं के चेहरे खिल उठे। प्रशासन ने निःशुल्क पुस्तकें, यूनिफॉर्म, और अन्य आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध कराई। यह कदम इन बेटियों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
परिवार की व्यथा और जिलाधिकारी की पहल | Family’s Plight and DM’s Initiative
पिछले सप्ताह सरिता ने जिलाधिकारी सविन बंसल से मुलाकात कर बताया कि उनकी मां की डूबने से मृत्यु हो गई और पिता बेरोजगार हैं। तीन छोटी बहनों की शिक्षा, दीक्षा, और विवाह की जिम्मेदारी उन पर है, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण बहनों की पढ़ाई छूट गई थी। सरिता ने आर्थिक सहायता की गुहार लगाई। इस पर जिलाधिकारी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए:
- मुख्य शिक्षा अधिकारी (Chief Education Officer) को तीनों बहनों का स्कूल में दाखिला सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
- जीएमडीआईसी (GMDIC) को सरिता के लिए रोजगारपरक प्रशिक्षण और सेवायोजन की व्यवस्था करने को कहा।
सरिता के लिए रोजगार की दिशा में कदम | Steps Towards Employment for Sarita
जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी (District Probation Officer) ने जीएमडीआईसी को पत्र भेजकर सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण और स्वरोजगार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की। जल्द ही उसे योग्यता के आधार पर सेवायोजित करने या स्वरोजगार से जोड़ने की कार्यवाही पूरी होगी।
प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा: शिक्षा और सशक्तिकरण | Project Nanda Sunanda: Education and Empowerment
प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा के तहत जिला प्रशासन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की पहचान कर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ रहा है। जिलाधिकारी ने स्वयं पहल कर इन बालिकाओं का सरकारी स्कूल में दाखिला कराया और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई। डीएम ने कहा, “शिक्षा ही बच्चों का भविष्य संवार सकती है। हर बेटी को पढ़ाई का अवसर मिलना चाहिए।”
बालिका | कक्षा | स्कूल | प्रशासन की सहायता |
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काजल | 5 | रा.प्रा.वि. लाडपुर | निःशुल्क पुस्तकें, यूनिफॉर्म |
प्रीति | 4 | रा.प्रा.वि. लाडपुर | निःशुल्क पुस्तकें, यूनिफॉर्म |
रागिनी | 3 | रा.प्रा.वि. लाडपुर | निःशुल्क पुस्तकें, यूनिफॉर्म |
सरिता | – | – | रोजगार प्रशिक्षण, सेवायोजन |
सामाजिक सरोकार की मिसाल | A Model of Social Responsibility
जिला प्रशासन की यह पहल निर्धन और असहाय परिवारों की बेटियों को शिक्षा और रोजगार के अवसर प्रदान कर उनके जीवन में नई उम्मीद जगा रही है। प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा (Project Nanda Sunanda) के तहत ऐसे और परिवारों को सहायता दी जाएगी।