उत्तराखंड

उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन का दौर, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट | Uttarakhand Weather Update Yellow Alert 2025

उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन का दौर, मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट | Uttarakhand Weather Update Yellow Alert 2025

देहरादून।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून सहित राज्य के कई जिलों में मौसम का मिजाज बदलता रहता है। धूप में असहनीय गर्मी (extreme heat) और बारिश में राहत का सिलसिला जारी है। पर्वतीय जिलों (hill districts) में भारी बारिश के कारण भूस्खलन (landslides) से सड़कें बाधित हो रही हैं, जबकि मैदानी इलाकों (plains) में जलभराव (waterlogging) की समस्या बनी हुई है।

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र (State Meteorological Centre) ने 12 से 18 सितंबर तक हल्की से मध्यम बारिश और 12 से 16 सितंबर तक भारी बारिश का येलो अलर्ट (yellow alert) जारी किया है।

मौसम का पूर्वानुमान | Weather Forecast

मौसम विभाग के अनुसार, 12 सितंबर से 18 सितंबर तक राज्य के सभी जिलों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश (light to moderate rain) और गर्जन के साथ बौछारें (thunder showers) हो सकती हैं। 12 से 16 सितंबर तक कहीं-कहीं भारी बारिश (heavy rain), आकाशीय बिजली (lightning), और तीव्र से अति तीव्र बारिश की संभावना है। नदी और नालों का जल स्तर बढ़ने से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

  • सुरक्षा सलाह:
    • आकाशीय बिजली से बचने के लिए पेड़ों के नीचे शरण न लें।
    • बारिश के दौरान मवेशियों को खुले में न छोड़ें।
    • सुरक्षित स्थानों पर रहें और सतर्क रहें।

देहरादून का तापमान | Dehradun Temperature

पिछले कुछ दिनों से देहरादून में अधिकतम तापमान बढ़ा हुआ है। 12 सितंबर को सुबह 11:30 बजे तक अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जबकि न्यूनतम तापमान 23 डिग्री रहने की संभावना है। आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट की उम्मीद है।

तारीखअधिकतम तापमान (°C)न्यूनतम तापमान (°C)
13 सितंबर2723
14 सितंबर2722
15 सितंबर2722
16 सितंबर2621
17 सितंबर2621
18 सितंबर2621
19 सितंबर2719

पर्वतीय और मैदानी क्षेत्रों की समस्याएं | Issues in Hill and Plain Areas

  • पर्वतीय जिले: भारी बारिश से भूस्खलन (landslides) के कारण सड़कें बंद हो रही हैं, जिससे आवागमन बाधित है।
  • मैदानी जिले: जलभराव (waterlogging) की समस्या से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। नदी-नालों का जल स्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है।
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