देहरादून।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भारत रत्न पंडित गोविंद बल्लभ पंत का 138वां जन्मदिवस आई.आर.डी.टी. सभागार में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी, उत्तरांचल विश्वविद्यालय की उपाध्यक्ष अंकिता जोशी और कार्यक्रम संयोजक राकेश डोभाल ने संयुक्त रूप से पंडित जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। यह आयोजन स्वतंत्रता संग्राम के इस महान सेनानी के जीवन और योगदान को याद करने का माध्यम बना।
स्वतंत्रता सेनानी की प्रासंगिकता
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि पंडित गोविंद बल्लभ पंत के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा के खूंट गॉंव से निकलकर राष्ट्रीय पटल पर उत्तराखंड का नाम रोशन करने वाले इस हिमालय पुत्र को याद कर गर्व होता है।
डॉ. धन सिंह रावत: “पंडित जी का विराट व्यक्तित्व आजादी के दौर से ही प्रेरणा स्रोत रहा है। युवाओं को उनके जीवन से सीख लेनी चाहिए।”
शिक्षा विभाग की पहल
रावत ने शिक्षा विभाग द्वारा निबंध और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इससे युवा पीढ़ी पंडित जी के व्यक्तित्व और कार्यों से परिचित होगी, जो सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने पंडित जी के स्वतंत्रता संग्राम, हिंदी भाषा के प्रचार और समाज कल्याण में योगदान को हमेशा याद रखने की बात कही।

जनसेवा और राष्ट्रभक्ति की गाथा
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि पंडित जी का जीवन राजनीति से परे जनसेवा, त्याग और देशभक्ति का प्रतीक था। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा देने और स्वतंत्र भारत के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने का उल्लेख किया। हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिलाने में उनका योगदान ऐतिहासिक है।
डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’: “भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र की पहचान का आधार है। पंडित जी का परिश्रम हमें जड़ों से जुड़े रहने की सीख देता है।”
समाज सेवा के योगदान
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन चंद्र लोहनी ने पंडित जी के समाज सेवा कार्यों को याद किया। उन्होंने कहा कि प्रखर वक्ता, कुशल वकील और नेतृत्वकर्ता के रूप में पंडित जी उत्तराखंड के गौरव हैं। युवाओं को उनके जीवन को अपनाने की जरूरत है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
उत्तरांचल विश्वविद्यालय की उपाध्यक्ष अंकिता जोशी ने कहा कि पंडित जी को देश के यशस्वी नेता के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने युवाओं से अपील की कि महान व्यक्तियों के इतिहास से प्रेरणा लें और संकल्प लें।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
कार्यक्रम में कलावृक्ष प्रदर्शन कला संस्थान का कथक नृत्य, निर्वाणा योगशाला का योग प्रदर्शन, प्रतिभा डांस अकादमी का नृत्य और शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद का सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इन प्रस्तुतियों ने आयोजन को और जीवंत बना दिया।
विशिष्ट सम्मान
उत्तराखंड के प्रमुख हस्तियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। मीरा रावत, ललित बड़ाकोटी, रामचंद्र भट्ट, डॉ. सुशील कुमार कोटनाला, मनमोहन भट्ट और डॉ. दिनेश जोशी को अतिथियों ने सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए।