नई दिल्ली।
नई दिल्ली के संसद भवन में भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए आयोजित मतदान में हरिद्वार के सांसद और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी भागीदारी दर्ज की। इस ऐतिहासिक प्रक्रिया ने न केवल संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा किया, बल्कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को और सशक्त करने का संदेश भी दिया।
लोकतंत्र का उत्सव
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मतदान के बाद कहा कि यह प्रक्रिया केवल एक संवैधानिक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह जनता की आकांक्षाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने और लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का प्रतीक है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत: “लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि हर निर्णय जनता की इच्छा और उनके प्रतिनिधियों की सक्रियता से आकार लेता है।”
नए नेतृत्व में विश्वास
रावत ने विश्वास जताया कि नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति अपने अनुभव, दूरदर्शिता और राष्ट्रप्रेम के साथ इस पद की गरिमा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह नेतृत्व भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और मजबूत करेगा।
सी. पी. राधाकृष्णन को बधाई
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने एनडीए प्रत्याशी सी. पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचन के लिए हार्दिक बधाई दी। अपने शुभकामना संदेश में उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन का लंबा राजनीतिक अनुभव और राष्ट्र के प्रति समर्पण भारतीय लोकतंत्र को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान करेगा।
शुभकामना संदेश की मुख्य बातें
- अनुभव और समर्पण: राधाकृष्णन की राजनीतिक यात्रा देश को प्रगतिशील बनाएगी।
- लोकतांत्रिक मूल्य: उनकी अगुवाई में भारत वैश्विक स्तर पर आदर्श लोकतंत्र बनेगा।
- नई दिशा: उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को नया आयाम मिलेगा।
लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान
रावत ने इस चुनाव को लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति जनता की आस्था का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया भारत की मजबूत संवैधानिक परंपराओं को दर्शाती है, जो देश को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित करती है।