उत्तराखंड

उत्तराखंड में हरतालिका तीज का उत्सव: दून एकता शक्ति ट्रस्ट की सांस्कृतिक पहल

उत्तराखंड में हरतालिका तीज का उत्सव: दून एकता शक्ति ट्रस्ट की सांस्कृतिक पहल

उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून में दून एकता शक्ति ट्रस्ट द्वारा आयोजित हरतालिका तीज महोत्सव ने संस्कृति, कला और उत्साह का अनूठा संगम प्रस्तुत किया। मोथरोवाला के श्रेष्ठा वैडिंग पॉइंट में आयोजित इस रंगारंग कार्यक्रम में फैशन शो, गीत-संगीत, नृत्य और “तीज क्वीन” प्रतियोगिता ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

तीज का रंगारंग उत्सव

दून एकता शक्ति ट्रस्ट ने हरतालिका तीज महोत्सव को एक सांस्कृतिक मील का पत्थर बना दिया। काजल थापा को “तीज क्वीन” का ताज पहनाया गया, जिसने इस आयोजन को और भी खास बनाया। फैशन शो और नृत्य प्रस्तुतियों ने उत्तराखंडी संस्कृति को आधुनिकता के साथ जोड़ा।

सैम छेत्री, संस्थापक, दून एकता शक्ति ट्रस्ट: “यह आयोजन हमारी परंपराओं को जीवंत रखने और नई पीढ़ी को प्रेरित करने का मंच है।”

संस्कृति और फैशन का संगम

मोथरोवाला में आयोजित इस महोत्सव में वंदना नृत्य ग्रुप ने भक्ति-भरे प्रदर्शन से शुरुआत की। शाद सैफी के कुशल संचालन ने आयोजन को और जीवंत बनाया। पारंपरिक और आधुनिक परिधानों के फैशन शो ने दर्शकों को उत्तराखंड की समृद्ध विरासत से रूबरू कराया।आयोजन की मुख्य झलकियां

  • फैशन शो: पारंपरिक उत्तराखंडी और आधुनिक परिधानों का प्रदर्शन।
  • लोक गीत और नृत्य: स्थानीय कलाकारों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया।
  • प्रतियोगिता: “तीज क्वीन” और बच्चों की श्रेणी में शानदार प्रदर्शन।

तीज क्वीन: काजल थापा की चमक

“तीज क्वीन” प्रतियोगिता इस आयोजन का केंद्रबिंदु रही। काजल थापा ने अपनी शानदार प्रस्तुति से ताज जीता, जबकि तनूजा रौतेला गुप्ता (प्रथम रनरअप), काव्या चौहान (द्वितीय रनरअप), महक थापा (तृतीय रनरअप) और लक्ष्मी जुर्री (चतुर्थ स्थान) ने भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।तीज क्वीन और पुरस्कार

स्थानविजेतापुरस्कार
विजेताकाजल थापातीज क्वीन ताज
प्रथम रनरअपतनूजा रौतेला गुप्तास्मृति चिन्ह
द्वितीय रनरअपकाव्या चौहानस्मृति चिन्ह
तृतीय रनरअपमहक थापास्मृति चिन्ह
चतुर्थ स्थानलक्ष्मी जुर्रीस्मृति चिन्ह

बच्चों ने बिखेरी प्रतिभा

बच्चों की श्रेणी में सानवी गुरुंग ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि अयांश छेत्री और आराध्या क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। इन नन्हे कलाकारों के नृत्य और कैटवॉक ने दर्शकों का दिल जीत लिया, जिससे यह आयोजन परिवारों के लिए यादगार बन गया।

सोनिया आनंद रावत, मुख्य अतिथि: “ये बच्चे और महिलाएं उत्तराखंड के सांस्कृतिक भविष्य की नींव हैं।”

अतिथियों ने बढ़ाई रौनक

मुख्य अतिथि सोनिया आनंद रावत ने आयोजन को सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताया। समीर मलिक, अरुण कुमार यादव, पूनम शर्मा, पहाड़ी लड्डू, डॉ. नीति मिश्रा जैसे विशेष अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को और भव्य बनाया। जज रक्षिमा तोमर और नमो सोनिया ने प्रतियोगियों का निष्पक्ष मूल्यांकन किया।गणमान्य अतिथि

  • मुख्य अतिथि: सोनिया आनंद रावत
  • विशेष अतिथि: समीर मलिक, अरुण कुमार यादव, पूनम शर्मा, डॉ. नीति मिश्रा, आदि
  • जज: रक्षिमा तोमर, नमो सोनिया

सांस्कृतिक संरक्षण की चुनौती

यह आयोजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक जड़ों को सहेजने का प्रयास है। सवाल उठता है कि क्या ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ पाएंगे? ट्रस्ट की यह पहल इस दिशा में एक साहसिक कदम है।

सामाजिक और प्रेरणादायक प्रभाव

हरतालिका तीज महोत्सव ने महिलाओं और बच्चों में आत्मविश्वास और रचनात्मकता को प्रोत्साहित किया। फैशन शो और प्रतियोगिताओं ने प्रतिभागियों को अपनी क्षमता दिखाने का अवसर दिया, जो दर्शकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बना।

उत्तराखंडी संस्कृति का उत्सव

दून एकता शक्ति ट्रस्ट की टीम—बीना क्षेत्री, रीना क्षेत्री, एकता गुरुंग, प्रिया गुरुंग, उर्मिला क्षेत्री और खुशी—ने तिलक और अभिनंदन की परंपरा के साथ उत्तराखंडी संस्कृति को जीवंत किया। यह आयोजन सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बना।

भविष्य की नींव

यह महोत्सव उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में एक कदम है। बच्चों और युवाओं की भागीदारी ने दिखाया कि नई पीढ़ी अपनी जड़ों को गले लगाने के लिए तैयार है।

आभार और सांस्कृतिक संदेश

सैम छेत्री ने सभी अतिथियों और दर्शकों का हृदय से आभार व्यक्त किया। यह आयोजन न केवल तीज का उत्सव था, बल्कि उत्तराखंड की एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक भी बना।

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