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भारतीय अर्थव्यवस्था का फायदा सिर्फ गिने-चुने अरबपतियों को; बेरोजगारी ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ा- राहुल गांधी

नई दिल्ली 42 मिनट पहले कॉपी लिंक राहुल ने कहा- किसान, मध्यमवर्ग और गरीब आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। (फाइल) कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को X पोस्ट में भारत की जीडीपी दर कम होने पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा- जब तक मुट्ठीभर अरबपतियों को देश की अर्थव्यवस्था का लाभ मिलता रहेगा, तब

नई दिल्ली

राहुल ने कहा- किसान, मध्यमवर्ग और गरीब आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं। (फाइल)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को X पोस्ट में भारत की जीडीपी दर कम होने पर चिंता जताई। उन्होंने लिखा- जब तक मुट्ठीभर अरबपतियों को देश की अर्थव्यवस्था का लाभ मिलता रहेगा, तब तक इकोनॉमी आगे नहीं बढ़ सकती।

उन्होंने लिखा- भारत की GDP ग्रोथ रेट दो साल में सबसे नीचे 5.4% पर आ गई है। बात साफ है भारतीय अर्थव्यवस्था तब तक तरक्की नहीं कर सकती जब तक इसका फायदा सिर्फ गिने-चुने अरबपतियों को मिल रहा हो। किसान, मजदूर, मध्यमवर्ग और गरीब तरह-तरह की आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।

राहुल ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपया 84.50 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। बेरोजगारी पहले ही 45 सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। पिछले 5 सालों में मजदूरों, कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों की आमदनी या तो ठहर गई है या काफी कम हो गई है।

राहुल की X पोस्ट में शामिल मुद्दे…

  • खुदरा महंगाई दर बढ़कर 14 महीने के हाई लेवल 6.21% पर पहुंच गई है। पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस साल आलू और प्याज की कीमत लगभग 50% बढ़ी।
  • आमदनी कम होने से मांग में भी कमी आई है। 10 लाख से कम कीमत वाली कारों की बिक्री में हिस्सेदारी घटकर 50% से कम हो गई है, जो 2018-19 में 80% थी।
  • सस्ते घरों की कुल बिक्री में हिस्सेदारी घटकर करीब 22% रह गई है, जो पिछले साल 38% थी। FMCG प्रोडक्ट्स की मांग पहले से ही कम होती जा रही है।
  • कॉर्पोरेट टैक्स का हिस्सा पिछले 10 सालों में 7% कम हुआ है, जबकि इनकम टैक्स 11% बढ़ा है।
  • नोटबंदी और GST की मार से अर्थव्यवस्था में मैन्युफैक्चरिंग का हिस्सा घटकर 50 सालों में सबसे कम सिर्फ 13% रह गया है। ऐसे में नई नौकरियों के अवसर कैसे बनेंगे?

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय का डेटा- जुलाई से सितंबर के बीच GDP ग्रोथ घटकर 5.4%, यह 21 महीने में सबसे कम

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने 29 नवंबर को डेटा जारी करके बताया था कि वित्त वर्ष 2025 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ घटकर 5.4% पर आ गई है। यह सात तिमाहियों में सबसे धीमी ग्रोथ है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन के कारण GDP ग्रोथ धीमी हुई है।

इससे पहले 2023 की तीसरी तिमाही में ग्रोथ 4.3% रही थी। वहीं एक साल पहले समान तिमाही (Q2FY24) में यह 8.1% थी। पिछली तिमाही यानी, Q1FY25 में ये 6.7% रही थी। भारत का GVA जुलाई-सितंबर तिमाही में 5.6% की दर से बढ़ा है। एक साल पहले की समान तिमाही में GVA ग्रोथ 7.7% रही थी। वहीं पिछली तिमाही में GVA ग्रोथ 6.8% थी।

साल दर साल आधार पर सेक्टर वाइज ग्रोथ (FY25 Vs FY24)

  • माइनिंग ग्रोथ: -0.1% Vs 11.1%
  • मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ: 2.2% Vs 14.3%
  • इलेक्ट्रिसिटी ग्रोथ: 3.3% Vs 10.5%
  • कंस्ट्रक्शन ग्रोथ: 7.7% Vs 13.6%
  • एग्रीकल्चर ग्रोथ: 3.5% Vs 1.7%
  • ट्रोड, होटल ग्रोथ: 6% Vs 4.5%
  • फिन और रियल एस्टेट ग्रोथ: 6.7% Vs 6.2%
  • पब्लिक एडमिन और सर्विस ग्रोथ: 9.2% Vs 7.7%

प्रमुख देशों में भारत अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी धीमी जीडीपी ग्रोथ के बावजूद भारत प्रमुख अर्थव्यवस्ताओं के बीच अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ 4.6% रही। वहीं जापान की जीडीपी 0.9% की दर से बढ़ी है।

वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को मापती है GDP GDP यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट देश में एक अवधि के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं, उन्हें भी शामिल किया जाता है। GDP इकोनॉमी की हेल्थ को बताती है।

GDP दो तरह की, रियल और नॉमिनल GDP दो तरह की होती है। रियल GDP में वस्तुओं और सेवाओं की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं, नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करंट प्राइस पर किया जाता है।

राहुल गांधी ने कहा था- नोटबंदी ने MSME को तबाह किया

राहुल गांधी ने 8 नवंबर को नोटबंदी के 8 साल पूरे होने पर मोदी सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था- नोटबंदी ने MSME और अनौपचारिक क्षेत्र को तबाह करके एकाधिकार को बढ़ावा दिया है। भारत में आज 8 साल पहले की तुलना में अधिक कैश का यूज हो रहा है।

राहुल ने कहा था कि अक्षम और गलत इरादे वाली नीतियां जो व्यवसायों के लिए भय का माहौल बनाती हैं, ये भारत की आर्थिक क्षमता को खत्म कर देंगी।

उन्होंने एक चार्ट शेयर करते हुए कहा था कि जनता के पास नकदी 2013-14 में जीडीपी के 11 प्रतिशत से घटकर 2016-17 में 8 प्रतिशत हो गई थी और अब 2020-21 में जीडीपी के 14 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

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