The Central Government Health Scheme (CGHS) is set to expand its reach to Kumaon, offering significant relief to paramilitary forces personnel. Haldwani & Nainital: CGHS Centers to Open Soon for Paramilitary Forces, Benefiting 50,000 Personnel
हल्द्वानी। लंबे इंतजार के बाद कुमाऊं के अर्द्धसैनिक बलों (paramilitary forces) को बड़ी राहत मिलने जा रही है। हल्द्वानी और नैनीताल में जल्द ही सीजीएचएस (केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना) केंद्र (CGHS centers) शुरू होंगे। इससे क्षेत्र के करीब 50 हजार सेवारत और सेवानिवृत्त जवानों को आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
16 साल के संघर्ष के बाद मिली सफलता
पिछले 16 वर्षों से पूर्व केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल कार्मिक संगठन इस मांग को लेकर लगातार प्रयासरत था। संगठन की पहल पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देशभर में 22 नए सीजीएचएस केंद्र खोलने का निर्णय लिया है, जिनमें हल्द्वानी और नैनीताल भी शामिल हैं। इसके लिए 286 नए पद सृजित किए गए हैं।
भवन निरीक्षण पूरा, जल्द शुरू होगा संचालन
नैनीताल के अर्द्धसैनिक बल जिलाध्यक्ष और सेनि. डिप्टी कमांडेंट दरवान सिंह बोहरा ने हाल ही में मंत्रालय को पत्र भेजा था, जिस पर 27 अगस्त को सकारात्मक जवाब मिला। मंत्रालय ने बताया कि भवन का निरीक्षण हो चुका है और जल्द ही दोनों जगह सीजीएचएस केंद्र शुरू किए जाएंगे।
अस्पताल में होंगी आधुनिक सुविधाएं
नए अस्पताल में चार डॉक्टर और 13 स्टाफ सदस्य तैनात होंगे। यहां सामान्य से लेकर गंभीर रोगों तक का उपचार मिलेगा। जरूरत पड़ने पर मरीजों को सीजीएचएस से संबद्ध बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाएगा, जहां कार्डधारकों को कैशलेस और नि:शुल्क उपचार की सुविधा मिलेगी।
CGHS: एक परिचय
सीजीएचएस क्या है?
यह केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना (health insurance scheme) है, जिसमें कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को ओपीडी, इनडोर उपचार, विशेषज्ञ परामर्श, दवाओं की प्रतिपूर्ति और परिवार कल्याण सेवाओं का लाभ मिलता है।
कार्ड शुल्क का विवरण (एकमुश्त राशि)
पद | कार्ड शुल्क (₹) |
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सिपाही व हवलदार | 30,000 |
सब इंस्पेक्टर | 54,000 |
इंस्पेक्टर से डिप्टी कमांडेंट | 78,000 |
डिप्टी कमांडेंट से ऊपर अधिकारी | 1,20,000 |
दूरस्थ क्षेत्रों तक विस्तार की भी है मंशा
अभी तक कुमाऊं के हजारों जवानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। हल्द्वानी और नैनीताल में केंद्र खुलने से पूरे क्षेत्र को राहत मिलेगी। संगठन अब कोशिश कर रहा है कि भविष्य में यह सुविधा दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों तक भी पहुंचाई जा सके।