उत्तराखंड

उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद की वार्षिक बैठक: नई दिशा, नए लक्ष्य

उत्तराखंड में भारतीय चिकित्सा परिषद की वार्षिक बैठक: नई दिशा, नए लक्ष्य

देहरादून

भारतीय चिकित्सा परिषद (आईएमसी) उत्तराखंड की वार्षिक बैठक देहरादून में धूमधाम से संपन्न हुई। इस बैठक में परिषद ने सत्र 2024-25 के कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया और आगामी सत्र 2025-26 के लिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए।

चिकित्सा शिक्षा की नई उड़ान

भारतीय चिकित्सा परिषद की यह बैठक उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा के लिए मील का पत्थर साबित हुई। परिषद ने न केवल पिछले वर्ष के कार्यों का ब्योरा दिया, बल्कि भविष्य की योजनाओं को भी स्पष्ट किया। बैठक में बताया गया कि 1100 छात्र-छात्राएं इस वर्ष वार्षिक मुख्य परीक्षा में हिस्सा लेंगे। यह आंकड़ा उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।

डॉ. जे.एन. नौटियाल, अध्यक्ष, आईएमसी: “हमारा लक्ष्य उत्तराखंड को चिकित्सा शिक्षा का हब बनाना है। गुणवत्ता और अनुशासन हमारी प्राथमिकता है।”

समयबद्ध योजना और पारदर्शिता

बैठक में प्रस्तुत समयबद्ध योजनाएं चिकित्सा शिक्षा में पारदर्शिता और जवाबदेही का प्रतीक हैं। परिषद ने स्पष्ट किया कि मुख्य परीक्षा 15 सितंबर से 15 अक्टूबर 2025 तक आयोजित होगी, जबकि काउंसलिंग प्रक्रिया अक्टूबर 2025 में शुरू होगी। यह सुनियोजित ढांचा छात्रों और संस्थानों के लिए स्पष्टता लाएगा।

महत्वपूर्ण तिथियां और आंकड़े

विवरणतिथि/आंकड़ा
वार्षिक मुख्य परीक्षा15 सितंबर – 15 अक्टूबर 2025
काउंसलिंग प्रक्रियाअक्टूबर 2025
प्रतिभागी छात्रलगभग 1100

गुणवत्ता पर जोर

परिषद ने संस्थानों को कड़े निर्देश दिए कि वे सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दें। वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट में कई संस्थानों की कमियों को उजागर किया गया, जिसके बाद मानकों को पूरा करने की सख्त हिदायत दी गई। यह कदम चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता को और ऊंचा उठाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।

उत्तराखंड की महत्वाकांक्षा

बैठक में उत्तराखंड सरकार की इन्वेस्टर समिट का जिक्र भी हुआ। परिषद ने संस्थानों को निर्देश दिया कि वे समिट में अपने निर्माण कार्यों की प्रगति प्रस्तुत करें। यह कदम न केवल शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करेगा, बल्कि उत्तराखंड को निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बनाएगा।

नर्वदा गुसाईं, रजिस्ट्रार: “हमारी कोशिश है कि उत्तराखंड की चिकित्सा शिक्षा वैश्विक मानकों को छूए।”

सम्मान और प्रेरणा

बैठक में 2024 की परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। शिक्षणेत्तर गतिविधियों में योगदान देने वाले संस्थानों को भी सराहा गया। यह सम्मान न केवल संस्थानों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि अन्य को भी बेहतर करने की प्रेरणा देगा।

सम्मानित संस्थानों की उपलब्धियां

  • परीक्षा में उत्कृष्टता: शीर्ष प्रदर्शन करने वाले संस्थानों को प्रतीक चिन्ह।
  • शिक्षणेत्तर गतिविधियां: सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान के लिए प्रशस्ति पत्र।
  • प्रेरणा का प्रभाव: अन्य संस्थानों के लिए गुणवत्ता का नया मानक।

समस्याओं का समाधान

संस्थानों ने बैठक में अपनी समस्याएं भी उठाईं, जैसे बुनियादी ढांचे की कमी और प्रशिक्षण संसाधनों की जरूरत। परिषद ने इन पर त्वरित कार्रवाई का वादा किया। यह देखना होगा कि ये आश्वासन कितनी जल्दी हकीकत में बदलते हैं।

नेतृत्व की मजबूती

बैठक की अध्यक्षता डॉ. जे.एन. नौटियाल ने की, जिनके नेतृत्व में परिषद ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। रजिस्ट्रार नर्वदा गुसाईं और सहायक रजिस्ट्रार संदीप सेमवाल की सक्रिय भागीदारी ने आयोजन को व्यवस्थित बनाया। संचालन संदीप तोपवाल ने बखूबी किया।

सामूहिक प्रयास

बैठक में विभिन्न संस्थानों के निदेशक और प्रधानाचार्य मौजूद रहे, जिन्होंने अपने सुझावों से परिषद की नीतियों को समृद्ध किया। यह सामूहिक प्रयास उत्तराखंड की चिकित्सा शिक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।

यह बैठक केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड में चिकित्सा शिक्षा के भविष्य की नींव है। परिषद की योजनाएं और कड़े मानक यह सुनिश्चित करेंगे कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड के चिकित्सा संस्थान देश में अग्रणी बनें।

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