सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें बैंक के प्रदर्शन और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई।
देहरादून।
उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बैंक के प्रदर्शन, प्रगति और भविष्य की कार्ययोजनाओं पर महत्वपूर्ण चर्चा की। इस बैठक में बैंक के प्रबंध निदेशक, महाप्रबंधक, जिला प्रबंधक और विभिन्न शाखाओं के प्रबंधक उपस्थित रहे।
नए खाते खोलने और डिपॉजिट बढ़ाने पर लक्ष्य निर्धारण:
मंत्री डॉ. रावत ने प्रत्येक बैंक शाखा को कम से कम 5,000 नए खाते खोलने और 30 करोड़ रुपये का डिपॉजिट सुनिश्चित करने का लक्ष्य दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि लक्ष्यों को पूरा करने में लापरवाही बरतने वाले प्रबंधकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ऑनलाइन सदस्यता अभियान और सामाजिक योगदान:
डॉ. रावत ने घोषणा की कि 1 अक्टूबर से एक व्यापक ऑनलाइन सदस्यता अभियान (Online Membership Drive) शुरू किया जाएगा, जिसका उद्देश्य एक लाख नए सदस्यों को जोड़ना है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बैंक को सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित किया, जिसमें स्कूल निर्माण और अस्पतालों में एंबुलेंस उपलब्ध कराना जैसे कार्य शामिल हैं।
सफल शाखाओं की सराहना और असफल शाखाओं को चेतावनी:
बैठक में उत्तरकाशी शाखा के प्रबंधक इंद्रजीत सिंह ने बताया कि उनकी शाखा ने 100% एनपीए (Non-Performing Assets) वसूली कर 36 लाख से अधिक का लाभ अर्जित किया है। काशीपुर शाखा के प्रबंधक मनोज बिष्ट ने भी अपनी शाखा के लाभप्रद प्रदर्शन की जानकारी दी। वहीं, हरिद्वार, गोपेश्वर, खटीमा और बाजपुर की हानि में चल रही शाखाओं के प्रति मंत्री ने नाराजगी व्यक्त की और उनमें सुधार के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए।
प्रबंध निदेशक ने बताईं प्रमुख आवश्यकताएं:
प्रबंध निदेशक प्रदीप मेहरोत्रा ने बैंक के खर्चों में कमी लाने, सुरक्षित ऋण वितरण (Safe Loan Disbursement) सुनिश्चित करने, डिपॉजिट बढ़ाने और एनपीए पर प्रभावी नियंत्रण (NPA Control) रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
शाखाओं के स्थानांतरण और नामकरण पर निर्देश:
मंत्री ने अनुपयुक्त स्थानों पर संचालित हो रही शाखाओं के स्थानांतरण (Branch Relocation) के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने देहरादून स्थित बैंक की कॉर्पोरेट शाखा का नाम बदलने की भी आवश्यकता जताई, क्योंकि वर्तमान में यह ‘कॉर्पोरेट’ नाम के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है। डॉ. रावत ने कहा कि राज्य सहकारी बैंक को और अधिक सशक्त बनाने के लिए टीम वर्क और समर्पण (Teamwork and Dedication) अत्यंत आवश्यक है।
बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिला सहकारी बैंक टिहरी एवं हरिद्वार के पूर्व अध्यक्ष सुभाष रमोला व प्रदीप चौधरी, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, प्रबंध निदेशक प्रदीप मेहरोत्रा, जीएम आकांक्षा कंडारी व सुरेश नपच्याल, डीजीएम नाबार्ड भूपेंद्र कुमावत सहित सभी जनपदों के शाखा प्रबंधक मौजूद रहे।
शाखा (Branch) | लाभ/हानि (Profit/Loss) | स्थिति (Status) |
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उत्तरकाशी (Uttarkashi) | ₹36 लाख से अधिक (Over ₹36 Lakhs) | लाभ में (Profitable) |
काशीपुर (Kashipur) | लाभ में (Profitable) | लाभ में (Profitable) |
हरिद्वार (Haridwar) | हानि में (Loss Making) | सुधार के निर्देश (Improvement Directed) |
गोपेश्वर (Gopeshwar) | हानि में (Loss Making) | सुधार के निर्देश (Improvement Directed) |
खटीमा (Khatima) | हानि में (Loss Making) | सुधार के निर्देश (Improvement Directed) |
बाजपुर (Bajpur) | हानि में (Loss Making) | सुधार के निर्देश (Improvement Directed) |