A delegation of Sikh organizations met with Chief Minister Pushkar Singh Dhami to express gratitude for the Hemkund Sahib Ropeway project.
देहरादून।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में एस. नरिंदर जीत सिंह बिंद्रा, अध्यक्ष, श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट, के नेतृत्व में विभिन्न सिख संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हेमकुंड साहिब रोपवे महापरियोजना के लिए आभार व्यक्त किया। हेमकुंड साहिब रोपवे, गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक 12.4 किमी लंबी परियोजना, जिसकी अनुमानित लागत ₹2,730.13 करोड़ है।
रोपवे परियोजना से श्रद्धालुओं को सुविधा और स्थानीय समृद्धि (Ropeway Project for Devotee Convenience and Local Prosperity)
बिंद्रा ने कहा कि हेमकुंट साहिब सिख धर्म का एक पवित्र और ऐतिहासिक तीर्थ है। वहाँ तक पहुँचने का रास्ता कठिन और जोखिमभरा होता है। इस रोपवे परियोजना से न केवल लाखों श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी यह आर्थिक और सामाजिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी।
सांस्कृतिक विरासत और श्रद्धा का प्रतीक: मुख्यमंत्री धामी (Symbol of Cultural Heritage and Devotion: CM Dhami)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिख संगठनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल बनाने के लिए निरंतर कार्य हो रहा है। हेमकुंट साहिब रोपवे न केवल एक संरचनात्मक परियोजना है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और श्रद्धा का भी प्रतीक है।
पर्यावरणीय मानकों का ध्यान: शीघ्र निर्माण का आश्वासन (Attention to Environmental Standards: Assurance of Early Construction)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि परियोजना का कार्य शीघ्रता से प्रारंभ किया जाएगा और निर्माण के प्रत्येक चरण में पर्यावरणीय मानकों और स्थानीय जनभावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
₹7,000 करोड़ की रोपवे महापरियोजना: एक ऐतिहासिक पहल (₹7,000 Crore Ropeway Megaproject: A Historic Initiative)
उत्तराखंड राज्य में परिवहन एवं अवसंरचना विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के बीच लगभग ₹7,000 करोड़ की अनुमानित लागत से देश की सबसे बड़ी रोपवे परियोजना स्थापित करने हेतु समझौता संपन्न हुआ है। इस साझेदारी के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स एवं निर्माण लिमिटेड (NHIDCL) और उत्तराखंड सरकार के बीच एक संयुक्त विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) का गठन किया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार की 51% और राज्य सरकार की 49% हिस्सेदारी होगी। यह SPV राज्य में रोपवे परियोजनाओं के निर्माण, संचालन, प्रबंधन एवं रखरखाव का कार्यभार संभालेगा।
प्रमुख रोपवे परियोजनाएं और लागत:
परियोजना | लंबाई (किमी) | अनुमानित लागत (करोड़ ₹) |
---|---|---|
गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब | 12.4 | 2,730.13 |
इस प्रयास के तहत कई प्रमुख रोपवे परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिनमें विशेष रूप से गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक की 12.4 किमी लंबी रोपवे परियोजना प्रमुख है, जिसकी अनुमानित लागत ₹2,730.13 करोड़ है। यह परियोजना श्रद्धालुओं की यात्रा को अत्यंत सुगम, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाएगी, विशेषकर बुजुर्गों और असहाय यात्रियों के लिए यह सुविधा एक बड़ी राहत साबित होगी।
इस अवसर पर एस. नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा अध्यक्ष गुरुद्वारा श्री हेमकुंट साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट, एस. गुरबख्श सिंह राजन अध्यक्ष सिंह सभा देहरादून, एस. गुलजार सिंह सचिव सिंह सभा देहरादून एस. गुरदीप सिंह अध्यक्ष सिंह सभा डोईवाला, एस. ओंकार सिंह, अध्यक्ष सिंह सभा नूनावाला, एस. मोहिंदर सिंह बबली, अध्यक्ष सिंह सभा हरिद्वार, एस. हरमोहिंदर सिंह अध्यक्ष सिंह सभा पटेल नगर, एस. साहब सिंह अध्यक्ष सिंह सभा शेरगढ़, एस. ओंकार सिंह राजा सिंह सभा डोईवाला, एस. बलबीर सिंह साहनी अध्यक्ष गुरुद्वारा रेसकोर्स देहरादून, नीरज कोहली वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे।