उत्तराखंड

उत्तराखंड के साहित्यकारों को सम्मान, चंद्र कुंवर बर्तवाल की जयंती पर विशेष घोषणाएं।

उत्तराखंड के साहित्यकारों को सम्मान, चंद्र कुंवर बर्तवाल की जयंती पर विशेष घोषणाएं।

साहित्यकार डॉ. योगम्बर सिंह बर्तवाल के नाम पर होगा ट्रैक मार्ग का नामकरण

देहरादून:

उत्तराखंड के लोक निर्माण, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को रिस्पना बाईपास स्थित संस्कृति विभाग के ऑडिटोरियम में आयोजित एक कार्यक्रम में घोषणा की कि जनपद चमोली में एक महत्वपूर्ण ट्रैक मार्ग का नामकरण प्रसिद्ध साहित्यकार स्व. डॉ. योगम्बर सिंह बर्तवाल “तुंगनाथी” के नाम पर किया जाएगा। यह ट्रैक मार्ग विकास खंड पोखरी में पर्यटन विभाग के ट्रैकिंग ट्रेक्शन सेंटर से कनकचौरी (चमोली) से कार्तिक स्वामी मंदिर (रुद्रप्रयाग) तक (2.5 किमी) फैला हुआ है।

चंद्र कुंवर बर्तवाल को किया गया याद

यह घोषणा हिमवंत कवि चंद्र कुंवर बर्तवाल की जयंती के अवसर पर की गई। मंत्री सतपाल महाराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चंद्र कुंवर बर्तवाल, जिन्हें ‘हिमवंत कवि’ के रूप में जाना जाता है, ने अपने अल्प जीवन (13 से 28 वर्ष की आयु तक) में 750 से अधिक कविताएं, 25 से अधिक कहानियां और कई व्यंग्य लेख लिखकर साहित्य जगत में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने साहित्य कला एवं संस्कृति के लिए समर्पित “हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बतर्वाल शोध संस्थान सोसाइटी” के पदाधिकारियों और सदस्यों के प्रयासों की सराहना की।

डॉ. योगम्बर सिंह बर्तवाल का महत्वपूर्ण योगदान

मंत्री ने विशेष रूप से स्व. डॉ. योगम्बर सिंह बर्तवाल “तुंगनाथी” के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉ. बर्तवाल ने चंद्र कुंवर बर्तवाल के साहित्य को सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हीं के प्रयासों से “हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बतर्वाल शोध संस्थान सोसाइटी” की स्थापना हुई। इस अवसर पर डॉ. बर्तवाल द्वारा संकलित चंद्र कुंवर बर्तवाल की अप्रकाशित कृतियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया, जिससे हिमवंत कवि के साहित्य को और अधिक जानने का अवसर मिलेगा।

आंकड़ों पर एक नजर

योगदानकर्तासाहित्य रचनाएं (अनुमानित)संस्थान स्थापना
चंद्र कुंवर बर्तवाल750+ कविताएं, 25+ कहानियां
डॉ. योगम्बर सिंह बर्तवाल1 (सोसाइटी)

ट्रैक मार्ग का महत्व

कनकचौरी से कार्तिक स्वामी मंदिर तक का यह 2.5 किलोमीटर लंबा ट्रैक मार्ग न केवल प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि अब यह साहित्य के प्रति सम्मान का भी प्रतीक बनेगा। इस मार्ग का नामकरण डॉ. योगम्बर सिंह बर्तवाल के नाम पर करने का निर्णय उत्तराखंड के साहित्यिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान, पूर्व आईएएस चंद्र सिंह, श्रीमती विजयलक्ष्मी गोंसाई, कुंवर भवानी सिंह, श्रीमती कुलवंती बर्तवाल, सचिन गौरव सिंह बर्तवाल, धीरेंद्र सिंह बर्तवाल, कर्नल डीएस बर्तवाल, शक्ति बर्तवाल और नरेंद्र सिंह रौथाण सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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