Science News: रूस-यूक्रेन युद्ध हो या मध्य एशिया का अशांत क्षेत्र, दुनिया एक तरह से ग्लोबल वॉर के मुहाने पर बैठी है. तीसरा विश्व युद्ध छिड़े न छिड़े, अंतरिक्ष से एक ऐसा खतरा मुंह बाये खड़ा है जो पूरी दुनिया को चपेट में ले सकता है. यह खतरा है बाहरी अंतरिक्ष में मौजूद सैटेलाइट्स और मलबे के ढेर का. अब तो संयुक्त राष्ट्र के आउटर स्पेस अफेयर्स ऑफिस ने भी चेतावनी जारी कर दी है. अमेरिकी कंपनी स्लिंगशॉट एयरोस्पेस के अनुसार, पृथ्वी की निचली कक्षा में 14,000 से ज्यादा सैटेलाइट्स हैं, जिनमें से लगभग 3,500 ‘इनएक्टिव’ हैं. इनके अलावा, मलबे का एक बड़ा ढेर जिसमें कोई 120 मिलियन टुकड़े शामिल हैं, भी धरती के चारों तरफ घूम रहा है. हम इनमें से कुछ हजार टुकड़ों को ही ट्रैक कर सकते हैं. यानी, हमारे और आपके सिर से कुछ सौ किलोमीटर ऊपर धरती की तबाही का सामान जमा हो चुका है. इस ट्रैफिक जाम में हुई एक छोटी सी टक्कर भी धरती पर बड़ा असर डाल सकती है.
यूज करने लायक नहीं बचेगा अंतरिक्ष का यह इलाका!
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जिस तेजी से सैटेलाइट्स की संख्या और अंतरिक्ष कचरे की मात्रा बढ़ रही है, जल्द ही पृथ्वी की निचली कक्षा इस्तेमाल के लायक नहीं बचेगी. यह बाहरी अंतरिक्ष के सबसे सुलभ इलाकों में से है. स्पेस ट्रैफिक से जुड़े एक यूएन पैनल ने अक्टूबर 2024 में कहा था कि अंतरिक्ष में बढ़ते ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक करने और उन्हें मैनेज करने की अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाने के लिए ‘तत्काल कार्रवाई’ की जरूरत है.
पृथ्वी की निचली कक्षा को सुरक्षित रखना जरूरी है. यहां मौजूद सैटेलाइट ग्लोबल कम्युनिकेशन, नेविगेशन और साइंटिफिक एक्सप्लोरेशन में तकनीक का आधार हैं.
‘स्पेस ट्रैफिक को कोऑर्डिनेट करना वक्त बर्बाद करना होगा’
UN के आउटर स्पेस अफेयर्स के ऑफिस में निदेशक और पैनल की सह-अध्यक्ष आरती होला-मैनी ने कहा, ‘स्पेस ट्रैफिक कोऑर्डिनेशन में समय बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं है. चूंकि अंतरिक्ष में बहुत सारी वस्तुएं लॉन्च की जा रही हैं, इसलिए हमें अंतरिक्ष सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा, और इसका मतलब है कि टकराव से बचने के लिए ऑपरेटरों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुगम बनाना, चाहे वे सार्वजनिक हों या निजी.’
बढ़ता जा रहा है खतरा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष में बढ़ते ट्रैफिक जाम से खतरा कई गुना बढ़ा है. अगस्त में एक चीनी रॉकेट फट गया था जिसे मलबे के हजारों टुकड़े अंतरिक्ष में फैल गए. जून में रूस का एक बंद हो चुका सैटेलाइट फट गया, उससे भी हजारों टुकड़े निचली कक्षा में इधर-उधर चले गए. तब घंटे भर के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स को भी शरण लेनी पड़ी थी.