उत्तराखंड

चैंपियन ने उमेश कुमार के “विकास दावों” पर लगाया सवालिया निशान –

सिडकुल मंजूरी में अपने प्रयासों को दस्तावेजी रूप में किया प्रमाणित

रुड़की। खानपुर विधायक उमेश कुमार के विकास दावों को निवर्तमान क्षेत्रीय विधायक प्रणव सिंह चैंपियन ने गलत बताया है। उन्होंने महत्वपूर्ण विकास कार्यों और बड़ी योजनाओं की मंजूरी में अपने योगदान को दस्तावेजी रूप से प्रमाणित किया है। साथ ही यह भी कहा है कि खानपुर में उमेश कुमार का खेल अब खत्म है। खानपुर की जनता उनकी हकीकत जान चुकी है और अब उनसे जनता को कोई उम्मीद नहीं है।

रुड़की मेयर सीट पर उमेश कुमार की पत्नी की दावेदारी के संबंध में “परम नागरिक” ने पिछले दिनों एक रिपोर्ट लिखी थी जिसमें सिडकुल की स्थापना के संबंध में उमेश कुमार के प्रयास का उल्लेख भी किया गया था। उनके द्वारा कार्य जा रहे कई अन्य विकास कार्यों का भी उल्लेख किया गया था। इस पर चैंपियन ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी। चैंपियन ने इस बात का दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध कराए कि सिडकुल की स्थापना के लिए वे पहले से ही पत्र-व्यवहार कर रहे थे और उनके पत्रों के आधार पर राज्य सरकार ने पहले ही इसका मंजूरी दे दी थी। इसी प्रकार अवस्थापना निधि से बनने वाले मार्ग आदि के विषय में भी अपने योगदान के चैंपियन ने दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत किए हैं। चैंपियन ने खानपुर और इससे पूर्व लक्सर क्षेत्र के अपने दो कार्यकालों में कराए गए विकास कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जनपद के सबसे पिछड़े क्षेत्रों में खादर क्षेत्र रहा है और इसे विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए उन्होंने अपने चार विधायक कालों जो संभव हुआ वह किया है। उन्होंने अपने द्वारा बनवाए गए शिक्षा संस्थानों, पुलों सड़कों आदि का विस्तार से उल्लेख किया और क्षेत्र के विद्युतीकरण के लिए कराए उल्लेखनीय कार्यों का ब्यौरा पेश किया। चैंपियन ने “परम नागरिक” को इस बात का उलाहना दिया कि उसने खानपुर, खासतौर पर खादर क्षेत्र, में उनके द्वारा कार्य गए विकास कार्यों को याद नहीं रखा और उनके द्वारा कार्य गए कार्यों का श्रेय भी उमेश कुमार को दिया।

चैंपियन ने कहा कि इस क्षेत्र की जनता उन्हें प्यार करती है और वे जनता का सम्मान करते हैं। उन्हें जनता ने चार बार अपना प्रतिनिधि चुना और उन्होंने जनता के लिए हर संभव विकास किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने जो प्रस्ताव सरकार को अपने विधायक काल में दिए थे उनमें कई बाद में भी सरकारी फाइलों में मंजूरी की राह पर रहे और इनका श्रेय किसी और को नहीं दिया जाना चाहिए। उन्होंने जल्द ही इस विषय में विस्तृत दस्तावेज जारी करने का दावा किया।

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