एक सेवा ऐसी भी लगा दी जान की बाजी,अब तक कर चुकी है कई हजार अंतिम संस्कार क्रांतिकारी शालू सैनी
रुड़की।
सहारनपुर जिले से किसी सामाजिक व्यक्ति द्वारा जानकारी दी गई कि एक गरीब परिवार की बुजुर्ग महिला का देहांत हो गया है,उनके पास अंतिम संस्कार के पैसे नहीं है।श्री महाकाल जी का आदेश स्वीकार कर क्रांतिकारी शालू सैनी ने बुजुर्ग अम्मा का अंतिम संस्कार उनके परिवार वालों के साथ मिलकर किया।प्रत्येक जिले व अन्य प्रदेशों में भी इनके द्वारा अंतिम संस्कार किया जाता है।सेवा सिर्फ एक ही उद्देश्य ना कोई लावारिस के रूप में जाएगा और ना कोई गरीबी के कारण बिना कफन के जाएगा।हर मृतक को होगा कफन नसीब ये है।क्रांतिकारी शालू सैनी का कहना है कि यदि अंतिम संस्कार की सेवा में उन्हें भीख भी मांगनी पड़ी तो पीछे नहीं हटेंगी।साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष महाकाल की बेटी लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा समाज सेवा का अनोखा रूप दिखाया गया है।क्रांतिकारी शालू सैनी द्वारा समाज सेवा को अपना कर्तव्य समझकर किया गया और आज तक उसी तर्ज पर समाज सेवा करती आ रही है क्रांतिकारी शालू सैनी।लावारिसों को अपना नाम देकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार करती है,साथ ही ऐसे परिवार के मृतकों के अंतिम संस्कार भी करती है,जिनका सामर्थ्य नहीं होता जो झुग्गी झोपड़ियों में अपना गुजर बसर करते हैं।अब क्रांतिकारी शालू सैनी को हर रोज फोन आते है अंतिम संस्कार के लिए या तो लावारिस होते हैं या फिर ऐसे परिवार वाले भी होते हैं,जिनके पास पैसे नहीं होते।क्रांतिकारी शालू सैनी ने बताया की अब उनका फोन नंबर वायरल हो गया है अंतिम संस्कार के लिए।हर रोज कई-कई डेड बॉडी आती हैं,जिनकी वारिस बनकर विधि-विधान से अंतिम संस्कार शालू सैनी द्वारा किया जाता है।उन्होंने कहा कि भगवान ने मुझको समाज सेवा की कसौटी पर उतारा है और मैं इस कसौटी पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करूंगी,क्योकि श्री महाकाल बाबा ने यदि मुझको इस जिम्मेदारी के लिए चुना हैं तो होंसला और हिम्मत व सामर्थ्य भी वही दे रहे हैं।भगवान कभी अपने भक्तों का साथ नहीं छोड़ते।समाज सेवा के क्षेत्र में आज क्रांतिकारी शालू सैनी परिचय की मोहताज नही हैं।लावारिसों की वारिस क्रांतिकारी शालू सैनी के नाम से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पडोसी राज्यों में भी प्रसिद्धि हो रही है।